जयपुर. मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास इन दिनों विभाग को लेकर गंभीर नजर आ रहे हैं. लगातार रोडवेज के अधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि पंजाब और हरियाणा सरकार ने रोडवेज की बसों को सरकार में शामिल किया था. उसके बाद आंध्रप्रदेश सरकार ने भी कॉरपोरेशन को बंद करके रोडवेज को अपने अधीन कर लिया है. अब राजस्थान सरकार भी बसों का संचालन करने में और कर्मचारी के हितों में फैसला ले सकती है. इसको लेकर परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है.
ईटीवी भारत ने 3 जुलाई को खबर की थी प्रकाशित :राजस्थान सरकार भी रोडवेज की आर्थिक तंगी को देखते हुए अपने अधीन करने की कवायद कर रही है. इसको लेकर ईटीवी भारत ने 3 जुलाई को खबर प्रकाशित की थी. इसके बाद परिवहन मंत्री ने अब इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है. उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही रोडवेज कॉरपोरेशन को सरकार अपने अधीन ले सकती है. इसके बाद भी कर्मचारियों की परेशानी को सरकार खुद दूर कर सकेगी और रोडवेज के बेड़े में नई बसें भी शामिल हो सकेंगी.
ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार के अधीन होने के बाद राजस्थान रोडवेज को घाटे से उबारा जा सकेगा, साथ ही उसका सफल संचालन भी हो सकेगा. राजस्थान रोडवेज की स्थापना 1 अक्टूबर 1964 में हुई थी. बसों का संचालन कॉर्पोरेशन के द्वारा किया जा रहा है. रोडवेज संचालन अवधि के बाद से ही लगातार घाटे में चल रही है. वर्तमान में रोडवेज करीब 5000 करोड़ से अधिक के घाटे में चल रही है.