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Rajasthan Student Union Election : एबीवीपी-एनएसयूआई के छात्र संघ चुनाव में जीत के दावे, लेकिन वोटर्स की संख्या भी चिंता का विषय...

राजस्थान में यूनिवर्सिटीज और कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव (Rajasthan Student Union Election) की तारीख की घोषणा हो चुकी है. इसके बाद चुनाव में भाग लेने के लिए छात्र संगठनों ने कमर कस ली है. हालांकि, छात्र संघ चुनाव में एबीवीपी और एनएसयूआई के समर्थक जीत के दावे कर रहे हैं, लेकिन वोटर्स की संख्या भी चिंता का विषय है. यहां समझिए पूरा समीकरण...

Rajasthan Student Union Election
एबीवीपी-एनएसयूआई के छात्र संघ चुनाव में जीत के दावे

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Published : Jul 31, 2022, 8:39 PM IST

जयपुर. राजस्थान प्रदेश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के छात्रसंघ चुनाव 26 अगस्त को करवाए जाने की घोषणा की गई है. लेकिन प्रदेश के किसी भी विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं होने और कई संकायों में परिणाम जारी नहीं होने से बड़ी संख्या में छात्र चुनाव से वंचित रह जाएंगे. इसे लेकर जहां एबीवीपी और एनएसयूआई छात्र संगठन चुनाव में जीत के दावे ABVP and NSUI Claims in Rajasthan) तो कर रही है, लेकिन उन्हें वोटर्स की संख्या की चिंता भी सता रही है. ऐसे में एबीवीपी ने जहां राज्य सरकार और प्रशासन के बीच तालमेल की कमी की बात कही. वहीं, एनएसयूआई ने परिस्थितियों को देखते हुए राज्य सरकार के सामने इलेक्शन डेट को आगे बढ़ाने की मांग रखने की बात कही.

2 वर्ष से कोरोना के कारण छात्रसंघ चुनाव नहीं हुए. ऐसे में छात्र संगठन राज्य सरकार से चुनाव कराने की मांग कर रहे थे, लेकिन अभी राजस्थान विश्वविद्यालय में ही 3 से 10 अगस्त तक पीजी एंट्रेंस एग्जाम होना है. 13 अगस्त को लॉ कॉलेज में यूलेट प्रवेश परीक्षा होनी है. यूजी की पहली लिस्ट तक नहीं निकली है, जबकि पीजी के सेकंड और फोर्थ सेमेस्टर की परीक्षा नहीं हुई. यही नहीं, वर्तमान में लॉ की परीक्षाएं भी चल रही है. इन परिस्थितियों को देखते हुए अब दोनों प्रमुख छात्र संगठनों ने इलेक्शन डेट्स को लेकर सवाल उठाए हैं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री हुशयार मीणा ने कहा कि अभी एंट्रेंस एग्जाम होने बाकी है. उसके बाद रिजल्ट जारी होगा और फिर एडमिशन की प्रक्रिया रहेगी. फिर फाइनल वोटर लिस्ट भी जारी होनी है.

किसने क्या कहा सुनिए....

ऐसे में ये स्पष्ट तौर पर दिखाई दे रहा है कि राजस्थान सरकार प्रशासन के बीच तालमेल की कमी है. ऐसा लग रहा है मानो पुराना नोटिफिकेशन निकाला, उसमें डेट चेंज की और इसे जारी कर दिया गया. उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्य की बात है कि सरकार और प्रशासन छात्र संघ चुनाव को सीरियस (Number of Voters in Student Union Election) नहीं ले रही. हालांकि, उन्होंने अपनी साल भर की तैयारी का हवाला देते हुए कहा कि सरकार कभी भी चुनाव करा ले. विश्वविद्यालयों में एबीवीपी का ही परचम लहराएगा और इन चुनावों में राज्य सरकार की नीतियों, बेरोजगारी, महिला उत्पीड़न और पेपर आउट जैसी घटनाओं के खिलाफ प्रदेश का युवा जरूर खड़ा होग.

पढ़ें :Rajasthan Student union election: छात्रसंघ चुनाव का शंखनाद, प्रमुख विश्वविद्यालयों में ये हो सकते हैं ABVP और NSUI के दावेदार

उधर, एनएसयूआई ने भी दावा करते हुए कहा कि उनका संगठन 365 छात्रों की सेवा में खड़ा रहा है. महामारी के दौर में भी मजबूती से छात्रों की आवाज उठाने के लिए एनएसयूआई खड़ा था. एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी ने कहा कि जहां तक छात्रसंघ चुनाव की बात है तो इन चुनावों को शुरू कराने के लिए एनएसयूआई ने मजबूत लड़ाई लड़ी. प्रदेश के युवाओं को एक नया नेतृत्व मिले, एक मजबूत दिशा और दशा मिले एनएसयूआई का यही उद्देश्य रहा है. इसी वजह से छात्रसंघ चुनाव की पैरवी की गई. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि छात्र समुदाय की तरफ से आने से वो आश्वस्त है कि एनएसयूआई प्रदेश में एक नया इतिहास लिखेगी. हालांकि, अभी एडमिशन का दौर जारी है और समय रहते सभी व्यवस्था माकूल नहीं होती है तो प्रयास रहेगा कि सरकार से इलेक्शन डेट आगे बढ़ाने की मांग रखी जाएगी.

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