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Rajasthan School Abuse: स्कूलों में बेटियों के साथ ज्यादती के विरोध में महिलाओं का जयपुर में प्रदर्शन, गहलोत सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग - Women demonstrated in Jaipur against rape in schools

प्रदेश में सरकारी स्कूलों में (Rape From Girls Students) दुष्कर्म के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. स्कूलों में बेटियों के साथ ज्यादती की घटनाओं के विरोध में शुक्रवार को राजधानी जयपुर में महिलाओं ने प्रदर्शन किया.

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स्कूलों में बेटियों पर ज्यादती के विरोध में महिलाओ ने निकाली रैली

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Published : Dec 10, 2021, 5:07 PM IST

जयपुर. राजस्थान की सरकारी स्कूलों में बेटियों (Rape From Girls Students) के साथ ज्यादती की लगातार बढ़ती घटनाओं के विरोध में शुक्रवार को राजधानी जयपुर में महिलाएं सड़क पर उतरीं. इन महिलाओं ने अंबेडकर सर्किल पर मानव शृंखला बनाकर प्रदर्शन किया और ऐसी घटनाओं पर सख्ती से अंकुश लगाने की सरकार से मांग की है.

महिला एवं जन संगठन, राजस्थान के बैनर तले महिलाएं, युवतियां जयपुर के अंबेडकर सर्किल पर एकत्रित हुई. जहां मानव शृंखला बनाकर और नारेबाजी कर विरोध जताया. उन्होंने कहा कि बीते एक साल में सरकारी स्कूलों में बेटियों के साथ ज्यादतीं के 13 मामले दर्ज (Rape cases in Rajasthan in 2021) हुए हैं. लेकिन एक भी मामले में सजा नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है.

पढ़ें- सरकारी स्कूलों में छात्राओं की सुरक्षा पर सवालिया निशान, एक साल में दुष्कर्म के 13 मामले... शिक्षक ही आरोपी

राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष लाडकुमारी जैन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया जा रहा है. लेकिन स्कूलों में बेटियों के साथ दुष्कर्म के मामले इतने बढ़ रहे हैं कि महिलाओं को सड़क पर उतरना पड़ रहा है. घर और स्कूल तक में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं. स्कूलों में शिक्षकों की ओर से ही बच्चियों के साथ ज्यादती के मामले सामने आने का मतलब है कि रक्षक ही भक्षक बन रहे हैं. यदि बाड़ ही खेत को खाने लगे तो खेत का क्या होगा. शिक्षा के मंदिरों में ही हम बेटियों को सुरक्षित नहीं रख पाए रहे हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है.

घटनाओं पर प्रभावी अंकुश की मांग

लाडकुमारी जैन का यह भी कहना है कि तमाम कानून के बावजूद इस तरह के लोगों की सोच में कोई बदलाव नहीं आया है. हम चाहते हैं कि इस तरह की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश के लिए कठोर कार्रवाई होनी चाहिए. साथ ही ऐसे लोगों की सोच में बदलाव के प्रयास भी होने चाहिए. हर महिला और बच्ची का यह मूलभूत अधिकार है कि उसे सुरक्षा मिलनी चाहिए.

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