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जयपुर: पैदल यात्रियों का सहारा बन रही राजस्थान रोडवेज, 950 प्रवासी श्रमिकों को पहुंचाया यूपी बॉर्डर - rajasthan roadways bus

देश में फैले कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए सरकार ने लॉकडाउन लगाया है. वहीं, राजस्थान में रोडवेज की बसें प्रवासी मजदूरों के लिए सहारा बन कर खड़ी हैं. लॉकडाउन के दौरान लगातार पैदल चल रहे प्रवासियों को रोडवेज बसों की ओर से राज्य की सीमा पर बने कैंपों में पहुंचाने का काम किया जा रहा है.

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राजस्थान रोडवेज बसे पैदल यात्रियों का बनी सहारा

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Published : May 15, 2020, 12:27 AM IST

Updated : May 24, 2020, 3:53 PM IST

जयपुर. प्रवासी मजदूरों का पलायन करने का दौर लगातार जारी है. ऐसे में कई यात्री पैदल ही पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं. पैदल यात्रियों के लिए राजस्थान रोडवेज की बसें सहारा बन रही है.

राजस्थान रोडवेज बसे पैदल यात्रियों का बनी सहारा

जयपुर आगरा हाईवे से करीब 950 प्रवासी श्रमिकों को बसों में बैठाकर भरतपुर जिला कलेक्टर की ओर से बनाए गए कैंपों में पहुंचाया गया. राजस्थान रोडवेज के प्रबंध निदेशक नवीन जैन के मुताबिक राज्य सरकार के निर्देशानुसार राजस्थान राज्य की सीमा में जयपुर आगरा हाईवे पर पैदल जा रहे प्रवासी श्रमिकों को बसों में बैठाकर भरतपुर जिला प्रशासन की ओर से बनाए गए कैंपों में पहुंचाया गया.

इसके साथ ही प्रदेश भर के विभिन्न इलाकों से पैदल पलायन कर रहे मजदूरों को रोडवेज बसों में बैठाकर गंतव्य स्थान तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है. जयपुर से यूपी बॉर्डर की तरफ पैदल जा रहे हैं. करीब 18 सौ महिलाएं, छोटे बच्चे समेत बुजुर्ग लोगों और चित्तौड़ से 50 किलोमीटर दूर चेक पोस्ट नेशनल हाईवे पर पैदल यूपी बॉर्डर की तरफ जा रहे श्रमिकों को बसों से भरतपुर जिला कलेक्टर की ओर से बनाए गए कैंपों में पहुंचाया गया है.

लॉकडाउन के दौरान लगातार पैदल चल रहे प्रवासियों को रोडवेज बसों की ओर से राज्य की सीमा पर बने कैंपों में पहुंचाने का काम किया जा रहा है. राजस्थान रोडवेज की ओर से प्रदेश में रेनापडू, सतारा, वसई रोड, नागुलपल्ली समेत विभिन्न शहरों से 8 ट्रेनों में आए प्रवासी श्रमिकों को राजस्थान सरकार के निर्देशों अनुसार बसों में बैठा कर निशुल्क गंतव्य स्थान तक पहुंचाया गया है.

वहीं, गुरुवार को प्रदेशभर के विभिन्न स्टेशनों पर ट्रेनों से आए प्रवासी श्रमिकों को गंतव्य स्थान तक पहुंचाने में रोडवेज की ओर से व्यवस्था करना काफी चुनौतीपूर्ण रहा. राजस्थान आई ट्रेनों से 4 हजार 233 प्रवासी श्रमिक ट्रेनों से राजस्थान लाए गए. प्रवासी श्रमिकों को बीकानेर, नागौर, जोधपुर, बाड़मेर, जालौर, सिरोही, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, महाराष्ट्र से फालना रेलवे स्टेशन आए 1 हजार 88 प्रवासी श्रमिकों को नाथद्वारा, सोमेश्वर, देसूरी, जालौर, जोधपुर, नाडोल, पाली, सिरोही और रैनापडू से जालौर स्टेशन पर आए 636 प्रवासी श्रमिकों को बाड़मेर, सिरोही, भीनमाल, शाला, जावल, अन्य तहसीलों और महाराष्ट्र से जयपुर स्टेशन पर आए 873 प्रवासी श्रमिकों को अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़, उदयपुर, डूंगरगढ़, टोंक, सवाई माधोपुर, धौलपुर, नागौर, झुंझुनू, सीकर रोडवेज बसों से रवाना किया गया.

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राजस्थान रोडवेज प्रबंध निदेशक नवीन जैन के मुताबिक जयपुर और अलवर से गोरखपुर, बिहार जाने वाली ट्रेनों के लिए 5 हजार 400 प्रवासी श्रमिकों को रेलवे स्टेशन पहुंचाया गया. जिनमें जयपुर से गोरखपुर के लिए 1 हजार 300 और बिहार के लिए 1 हजार 200 प्रवासी श्रमिकों को आमेर, चौमू, फागी, चाकसू, सांभर, सांगानेर और आईआईटी बनीपार्क से जयपुर रेलवे स्टेशन और अलवर से बिहार जाने वाली ट्रेनों के लिए 2 हजार 900 प्रवासी श्रमिकों को भिवाड़ी, बहरोड़, नीमराणा के अलावा अन्य तहसीलों से अलवर रेलवे स्टेशन पहुंचाया गया.

गुजरात से पाली और जोधपुर, महाराष्ट्र से जोधपुर ट्रेन से आने वाले प्रवासी राजस्थानी श्रमिकों को विभिन्न शहरों में तहसीलों में भिजवाने के लिए बसों की पर्याप्त व्यवस्था रेलवे स्टेशन पर की गई थी. राजस्थान रोडवेज की ओर से अब तक 30 ट्रेनों के माध्यम से राजस्थान आने वाले 20 हजार से ज्यादा यात्रियों को विभिन्न जिलों में तहसीलों में उनके घर परिवार के पास पहुंचाया जा चुका है.

Last Updated : May 24, 2020, 3:53 PM IST

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