जयपुर.राजस्थान रोडवेज के कर्मचारी अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर 27 अक्टूबर को 1 दिन की प्रदेश व्यापी हड़ताल पर रहेंगे. राजस्थान रोडवेज के श्रमिक संगठनों का संयुक्त मोर्चा के संयोजक एमएल यादव ने प्रेस वार्ता में गहलोत सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया.
यादव ने कहा कि राजस्थान रोडवेज के कर्मचारियों ने 2018 में 20 दिन की प्रदेशव्यापी हड़ताल की थी. उस हड़ताल के समय कांग्रेस नेता सचिन पायलट और प्रताप सिंह खाचरियावास ने हड़ताल स्थल पर पहुंचकर रोडवेज कर्मचारियों से मांगों के समाधान का वादा किया था. राज्य में कांग्रेस की सरकार भी बन गई. लेकिन रोडवेज के कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं हुआ है.
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एमएल यादव ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने जन घोषणा पत्र में कर्मचारियों की मांगों को शामिल किया था. कांग्रेस सरकार को बने 3 साल से ज्यादा का समय हो गया है. लेकिन जन घोषणा पत्र में किए गए वादों को लागू नहीं किया गया. परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने घोषणापत्र को लागू करने के लिए हमेशा आश्वासन दिया है, लेकिन धरातल पर कोई परिणाम सामने नहीं आया. इसलिए रोडवेज कर्मचारियों ने 27 अक्टूबर को 1 दिन की हड़ताल पर जाने का फैसला किया है.
रोडवेज कर्मचारियों की प्रमुख मांगे
वेतन-पेंशन का समय पर भुगतान हो. सेवानिवृत्ति परिलाभ का भुगतान हर महीने के पहले कार्य दिवस पर होना चाहिए. सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार जनवरी 2016 से वेतन पेंशन संशोधन होना चाहिए. 5 हजार से ज्यादा सेवानिवृत्त कर्मचारियों के 500 करोड़ रुपए का परिलाभों का एकमुश्त भुगतान किया जाए. दीपावली पर 4 वर्ष के बकाया एक्सग्रेसिया का भुगतान किया जाए. खाली पदों पर नई भर्ती की जाए.अवैध रूप से संचालित सभी तरह की निजी बसों को 2 से 5 किलोमीटर दूर से संचालित किया जाए. रोडवेज को राज्य सरकार में समाहित करने की मांग शामिल है.
राजस्थान रोडवेज के श्रमिक संगठनों का संयुक्त मोर्चा के संयोजक एमएल यादव के मुताबिक राजस्थान रोडवेज के कर्मचारियों ने 2018 में 20 दिन की प्रदेश व्यापी हड़ताल की थी. उस हड़ताल के समय कांग्रेस के नेता सचिन पायलट और प्रताप सिंह खाचरियावास ने हड़ताल स्थल पर पहुंचकर रोडवेज कर्मचारियों से वादा किया था कि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद कर्मचारियों की मांगों का जल्द सकारात्मक समाधान किया जाएगा. विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की ओर से जन घोषणा पत्र में भी कर्मचारियों की मांगों को शामिल किया गया था.