जयपुर. रोडवेज बसों के संचालन को लेकर रोडवेज प्रशासन तैयारियां कर रहा है. केवल सरकार के आदेशों का इंतजार किया जा रहा है. रोडवेज को प्रतिदिन करीब 5 करोड रुपए का नुकसान हो रहा है. यानी 1 महीने में 150 करोड रुपए का घाटा हो चुका है. रोडवेज बसों के संचालन और बसों के बंद होने से हो रहे घाटे को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने राजस्थान रोडवेज सीएमडी राजेश्वर सिंह से खास बातचीत की.
बसों के संचालन की तैयारी कर रहा रोडवेज प्रबंधन सरकार रोडवेज बसों के संचालन के लिए आदेश देती है तो रोडवेज प्रशासन बसों के संचालन को लेकर पूरी तरीके से तैयार है. प्रदेश की लाइफलाइन कही जाने वाली रोडवेज बसों के संचालन नहीं होने से लोगों को आवागमन में भी परेशानियां हो रही हैं. रोडवेज प्रशासन ने बसों के संचालन से पहले बसों के मेंटेनेंस बस स्टैंड की साफ सफाई करने की आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं. बसों का संचालन नहीं होने से रोडवेज की वित्तीय स्थिति पर भी प्रभाव पड़ रहा है. राजस्थान रोडवेज सीएमडी राजेश्वर सिंह ने राज्य सरकार से रोडवेज की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए अनुदान की भी मांग की है. जिसे रोडवेज कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को समय पर वेतन और पेंशन समेत उनके परिलाभ दिए जा सकें.
सीएमडी ने रोडवेज अधिकारियों की बैठक
करीब एक महीने बाद रोडवेज मुख्यालय खुलने पर सभी अधिकारी और कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर पहुंचे. रोडवेज मुख्यालय भवन को पूरी तरह से सैनिटाइज करवाया गया. रोडवेज सीएमडी राजेश्वर सिंह ने अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में आगामी दिनों में बसों के संचालन की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई. हालांकि अभी तक राज्य सरकार की ओर से बसों के संचालन को लेकर कोई आदेश प्राप्त नहीं हुए हैं.
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मंगलवार को मुख्य प्रबंधकों की वीसी
रोडवेज सीएमडी राजेश्वर सिंह ने बताया कि रोडवेज मुख्यालय में अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई. मंगलवार को राजस्थान के सभी मुख्य प्रबंधक और जोनल मैनेजरों की वीसी ली जाएगी. बैठक में तय किया जाएगा कि अनलॉक डाउन होता है और बसों को अलाउ किया जाता है, तो उस स्थिति में रोडवेज बस चलने की हालत में हो. ड्राइवर- कंडक्टर सतर्क रहें ताकि तत्काल परिवहन सेवाओं को प्रारंभ किया जा सके.
1 माह में 150 करोड़ का नुकसान
रोडवेज सीएमडी राजेश्वर सिंह ने बताया कि रोडवेज का डेढ़ सौ करोड रुपए हर महीने का राजस्व रहता है. ऐसे में एक महीना बसें नहीं चलने से रोडवेज का नुकसान हो रहा है. इसके लिए राज्य सरकार को अवगत भी कराया गया है. रोडवेज को पूरी क्षमता के आधार पर संचालन करने का प्रयास किया जाएगा. ताकि रोडवेज की आमदनी बढ़े. राज्य सरकार से भी अपील की जाएगी कि अनुदान बढ़ाया जाए. ताकि कर्मचारियों को वेतन और रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन का समय पर भुगतान किया जा सके.
आधुनिक बस टर्मिनल का शिलान्यास
सिंह ने बताया कि जोधपुर में आधुनिक बस टर्मिनल का वर्चुअल शिलान्यास किया गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 4 मंजिला आधुनिक बस टर्मिनल का वर्चुअल शिलान्यास किया. बस स्टैंड का निर्माण 14 जून से शुरू हो जाएगा. भवन निर्माण 2022 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा. टर्मिनल के भूतल पर बोर्डिंग, 21 बस एलाइटिंग वेज, 6 बसें, 7 बुकिंग काउंटर, 2 आरक्षण काउंटर, बैंक, पोस्ट ऑफिस, एटीएम, दुकानें, कियोस्क, शौचालय, पार्सल ऑफिस, औषधालय, पुलिस पोस्ट और वर्टिकल कनेक्टिविटी के लिए 6 लिफ्ट और 5 सीढ़ियों का निर्माण 4035 वर्ग मीटर में किया जाएगा. वहीं 226 दुपहिया वाहनों की जमीन तल पर पार्किंग और 75 ऑटो रिक्शा के लिए पार्किंग लोट का निर्माण किया जाएगा. पहली मंजिल पर रोडवेज कार्यालय 23 बिस्तरों वाला चालक शयन गृह, 72 बिस्तरों वाला पुरुष और 48 बिस्तर वाला महिला शयन गृह, जलपान गृह, केयरटेकर रूम, शौचालय और पेयजल 4231 वर्ग मीटर पर बनाए जाएंगे.
आधुनिक बस टर्मिनल में होंगी कई विशेषताएं सीएमडी राजेश्वर सिंह के अनुसार बस टर्मिनल के द्वितीय मंजिल पर वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए 20 दुकानें, सुपर मार्केट, रेस्टोरेंट, प्ले जोन 4231 वर्ग मीटर और तृतीय मंजिल पर 34 डबल बैडरूम का होटल, बैंक्वेट हॉल, रेस्टोरेंट, क्लब एरिया का निर्माण 4272 वर्ग मीटर में किया जाएगा. वर्तमान में जोधपुर बस स्टैंड 7000 वर्ग मीटर में बना हुआ है. 225 बसों से 11000 से 17000 यात्री प्रतिदिन बस स्टैंड पर आते जाते हैं. जोधपुर में आधुनिक बस टर्मिनल का निर्माण 18 महीने में पूरा किया जाएगा.