जयपुर. जल संसाधनों के प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए राजस्थान को राष्ट्रीय जल पुरस्कार-2019 के तहत सामान्य श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ राज्यों में तीसरा पुरस्कार दिया गया. केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू के मुख्य आतिथ्य में आयोजित ऑनलाइन समारोह में राजस्थान की ओर से जल संसाधन विभाग के शासन सचिव नवीन महाजन ने यह पुरस्कार ग्रहण किया. जल संसाधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए गत करीब 15 माह की अवधि में राजस्थान ने यह सातवां बड़ा पुरस्कार प्राप्त किया है.
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नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत ने की. राष्ट्रीय जल पुरस्कार-2019 के तहत 13 श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किए गए. इसके लिए केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा शशि शेखर, पूर्व सचिव जल संसाधन मंत्रालय भारत सरकार की अध्यक्षता में पुरस्कार चयन समिति का गठन किया गया था. इस समिति ने द्वितीय राष्ट्रीय जल पुरस्कार-2019 के तहत सर्वश्रेष्ठ राज्य (सामान्य श्रेणी) के अन्तर्गत राजस्थान राज्य को तृतीय पुरस्कार के लिए चयनित किया. तमिलनाडु को प्रथम तथा महाराष्ट्र को द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ.
इन महत्त्वपूर्ण कार्यों से राज्य को मिला पुरस्कार
शासन सचिव नवीन महाजन ने बताया कि राजस्थान राज्य को यह पुरस्कार जल क्षेत्र में जल उपयोग की दक्षता में वृद्धि, जल संचयन प्रबन्धन, सहभागिता दृष्टिकोण के माध्यम से समेकित जल संसाधन प्रबन्धन, सौर पम्पों से सूक्ष्म सिंचाई, जल संचयन, सहभागिता सिंचाई प्रबन्धन तथा माइक्रो इरिगेशन के तहत विशिष्ट कार्यों एवं उपलब्धियों के लिए दिया गया है.
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साथ ही राजस्थान द्वारा जल प्रबन्धन में पारदर्शिता के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) का उपयोग व्यापक स्तर पर करते हुए सकारात्मक परिणाम हासिल किए गए, जिसके आधार पर यह पुरस्कार प्राप्त हुआ है. इसके तहत सरहिन्द फीडर और इन्दिरा गांधी फीडर (पंजाब भाग) की री-लाइनिंग, रेगिस्तानी क्षेत्र में राजस्थान वाटर सेक्टर री-स्ट्रक्चरिंग प्रोजेक्ट (एनडीबी द्वारा वित्त पोषित), राजस्थान जल क्षेत्र आजीविका सुधार परियोजना (जायका द्वारा वित्त पोषित), इन्दिरा गांधी नहर परियोजना द्वितीय चरण में सूक्ष्म सिंचाई परियोजना की पहल जैसे कार्य शामिल हैं.
कार्यक्रम में इन कार्यों को मिली सराहना
शासन सचिव ने बताया कि राजस्थान ने नर्मदा नहर परियोजना, सांचौर में सूक्ष्म सिंचाई तकनीक पर देश में पहली प्रमुख सतही जल सिंचाई परियोजना को सफलता पूर्वक लागू किया गया. सतही जल सिंचाई परियोजनाओं के अन्तर्गत 2.72 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली स्थापित की जा चुकी है तथा 4.4 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में कार्य प्रगतिरत है. इसके साथ ही जल प्रबन्धन में पारदर्शिता के लिए सिंचाई परियोजनाओं में स्काडा प्रणाली लागू की जा रही है. राष्ट्रीय जल पुरस्कारों के तहत इन कामों की सराहना की गई.