जयपुर. राजस्थान में आज 4 राज्यसभा सीटों (Rajasthan Rajyasabha Election 2022) के लिए सुबह 9 बजे से 4 बजे तक मतदान होगा और शाम 5 बजे मतगणना के बाद यह साफ हो जाएगा कि अब राजस्थान के नए चार राज्यसभा सांसद कौन होंगे? बात सत्ताधारी दल की की जाए तो अब कांग्रेस का कुनबा पूरी तरीके से एकजुट हो चुका है. कांग्रेस, निर्दलीय और समर्थित दलों समेत उनके सभी 126 विधायक एकजुट दिखाई दे रहे हैं. एकमात्र निर्दलीय विधायक बलजीत यादव भी अब कांग्रेस की बाड़ेबंदी में आ चुके हैं. अगर कुछ अप्रत्याशित नहीं घटा तो फिर राजस्थान के कांग्रेस पार्टी की ओर से तीन राज्यसभा सांसद मुकुल वासनिक, प्रमोद तिवारी और रणदीप सुरजेवाला होंगे.
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले ही डलवाए जाएंगे बसपा से कांग्रेस में आए 6 विधायकों के वोट-मतदान प्रक्रिया सुबह 9 बजे से शुरू हो जाएगी जो शाम 4 बजे तक चलेगी. पहले यह माना जा रहा था कि कांग्रेस विधायक 11 बजे आमेर स्थित होटल से मतदान करने के लिए निकलेंगे. लेकिन बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायकों के वोट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होनी है और क्योंकि सुनवाई सुबह 10 बजे के बाद सुप्रीम कोर्ट में कभी भी हो सकती है, ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने स्ट्रैटजी के तहत यह तय किया है कि कांग्रेस विधायकों के वोट सुबह ही डलवा लिए जाएं.
ऐसे में कांग्रेस विधायकों की बसें 9 बजे से पहले ही विधानसभा में प्रवेश करना शुरू हो जाएगी और माना जा रहा है कि सबसे पहले वोटिंग कांग्रेस की ओर से बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए उन छह विधायकों राजेंद्र गुढ़ा, वाजिद अली, जोगिंदर अवाना, लाखन मीणा, संदीप यादव और दीपचंद खेरिया से करवाई जाएगी क्योंकि इन्हीं विधायकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. जिसमें वैसे तो लगता नहीं है कि राज्यसभा के चलते चुनाव के बीच सुप्रीम कोर्ट कोई दखल देगा लेकिन किसी भी आशंका को दरकिनार करते हुए कांग्रेस पार्टी चाहती है कि सबसे पहले बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायकों के वोट डलवा लिया जाए.
रात 9 बजे से सुबह 9 बजे तक आमेर में इंटरनेट बंद- जयपुर के आमेर में रात 9 बजे से सुबह 9 बजे तक इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है. मतलब साफ है कि कांग्रेस के विधायक जिस रिसोर्ट में रुके हैं वहां भी इंटरनेट बंद रहेगा. ऐसे में अब रात को मॉक पोलिंग में क्या हुआ और इसकी तस्वीरें सामने नहीं आ सकी. तो वहीं ज्यादातर विधायकों के भी फोन स्विच ऑफ हैं ताकि सूचनाएं बाहर नहीं आ सके. इसके पीछे यह भी कारण बताया जा रहा है कि कोई विधायकों से अनावश्यक संपर्क बनाने की कोशिश न करें जिससे कि किसी तरीके की हॉर्स ट्रेडिंग की संभावना न रहे.