जयपुर. मंत्रिमंडल पुनर्गठन (Gehlot Cabinet Reshuffle) के बाद लगातार भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और कुछ विधायक अपने बयान जारी कर रहे हैं. भाजपा के मुख्य प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा (BJP MLA Ram Lal Sharma) ने एक बार फिर बयान जारी कर कहा है कि मंत्रिमंडल पुनर्गठन के बाद वरिष्ठ विधायक दयाराम परमार के पत्र, जौहरी मीणा का बयान और कई वरिष्ठ विधायकों की
अनदेखी इस बात का संकेत है कि नाराजगी के ये स्वर अभी धीरे उठे हैं. लेकिन समय के साथ और मुखर होंगे.
यही नहीं, रामलाल शर्मा यह भी कहते हैं कि यदि मंत्रियों को मनमाफिक विभाग न मिले तो भी असंतोष के स्वरमुखर होंगे. हालांकि, यह कांग्रेस प्रदेश की गहलोत सरकार (Gehlot Government) का आंतरिक मामला है, लेकिन जिस प्रकार इस पर भाजपा के नेता और खास तौर पर प्रवक्ता बयान जारी कर रहे हैं वो इस बात का संकेत है कि भाजपा का पूरा फोकस ही ऐसे विधायकों पर है जो अपनी ही सरकार और कांग्रेस पार्टी से इस मंत्रिमंडल पुनर्गठन के बाद नाराज चल रहे हैं. लेकिन इंतजार इस बात का किया जा रहा है कि नाराजगी के स्वर वापस मुखर तरीके से सामने आए और संभवत: इसके बाद ही भाजपा अपना अगला सियासी दांव खेलने का सहास उठा पाएगी.
पूनिया समेत भाजपा के ये नेता भी कर चुके हैं बयान जारी...
राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया समेत प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ और वासुदेव देवनानी भी बयान जारी कर निशाना साध चुके हैं. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने कहा था कि 13 जिले का मंत्रिमंडल में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है. ऐसे में असंतुलित मंत्रिमंडल कब तक संतुलित होकर चलेगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. वहीं, पूनिया ने तंज कसते हुए TWEET किया था, 'मंत्रिमंडल के रुझान आने शुरू…देखते रहिए आज तक -इंतजार करिए कुछ दिन तक...'