जयपुर. राजस्थान में एक ओर सियासी उठापटक की चर्चा चल रही है कि राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर गहलोत ही बने रहेंगे या फिर सचिन पायलट को (Ruckus Over Congress CM in Rajasthan) मुख्यमंत्री का ताज मिलेगा. लेकिन एक बात अब बिल्कुल साफ हो चुकी है कि राजस्थान में मुख्यमंत्री को लेकर संभवत राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के 19 अक्टूबर को आने वाले नतीजों तक कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा. मतलब साफ है कि कांग्रेस की प्राथमिकता अभी राजस्थान में सियासी उठापटक में न होकर राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव पर शिफ्ट हो गई है.
ऐसे में राजस्थान में भी कांग्रेस पार्टी का पूरा ध्यान अब राष्ट्रीय अध्यक्ष के 17 अक्टूबर को होने वाले (Rajasthan PCC Over National President Election) मतदान पर चला गया है. प्रदेश कांग्रेस इस काम में जुट गई है कि 1998 के बाद करीब 24 साल गुजर जाने पर जब पहला मौका राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव का आ रहा है तो उसमें किसी तरह की कोई कमी न रह जाए.
पढ़ें :ऐसा भी हो चुका है कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में, जानिए गांधी परिवार का उम्मीदवार, कितना है दमदार
चुनाव प्रक्रिया के काम में भी दिखेंगे राजस्थान के नए चेहरे : 17 अक्टूबर को राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय पर जब मतदान होगा, तो कांग्रेस मुख्यालय में होने जा रहे मतदान की जिम्मेदारी इस बार प्रदेश कांग्रेस या प्रदेश सरकार का नेतृत्व संभालने वाले प्रमुख नेताओं के हाथ में न होकर राजस्थान के पीआरओ राजेंद्र सिंह कुंपावत और एपीआरओ पर होगी. क्योंकि ज्यादातर बड़े नेता खुद प्रदेश कांग्रेस के सदस्य के नाते वोटर हैं. ऐसे में चुनाव प्रभावित न हो, इसके लिए कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में राजस्थान की जिम्मेदारी संभालने वाले नेताओं को दूर रखा जाएगा. चुनाव की जिम्मेदारी में सहयोग करने के लिए और नए चेहरों का सहयोग लिया जाएगा, जो पीसीसी के सदस्य नहीं हैं.
17 को मतदान के बाद पीआरओ दिल्ली ले जाएंगे मत पेटियां : कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के फैसले को लेकर 17 अक्टूबर को मतदान होगा. इसकी तैयारियों को लेकर पहले 13 अक्टूबर को राजस्थान के पीआरओ राजेंद्र कुम्पावत, प्रदेश में दौरा कर चुनाव की तैयारी का जायजा लेंगे. वहीं, 16 अक्टूबर को मत पेटियां दिल्ली से लेकर एपीआरओ जयपुर पहुंचेंगे, जहां प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 400 सदस्य तो मतदान करेंगे ही, इसके साथ ही राजस्थान के मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व अध्यक्ष और पूर्व नेता प्रतिपक्ष रहे वह नेता भी मतदान की प्रक्रिया में भाग लेंगे जो पीसीसी के सदस्य नहीं हैं. ऐसे में कुल मिलाकर 414 वोटर राजस्थान से राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर मतदान करेंगे. मतदान के तुरंत बाद पीआरओ और एपीआरओ मत पेटियों को अपने साथ दिल्ली ले जाएंगे और 19 को मतगणना के बाद नतीजे घोषित किए जाएंगे.