राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

Rajasthan Political Appointments : अपनों पर अनुकंपा, लेकिन पायलट कैंप के ये विधायक अब भी खाली हाथ... - Congress Politics in Rajasthan

राजस्थान में लंबे इंतजार के बाद राजनीतिक नियुक्तियां हुईं, जहां कफी जद्दोजहद और विचार-विमर्श के आधार पर नेताओं और कार्यकर्ताओं को एडजस्ट किया गया. जयपुर जिले की बात करें तो यहां सियासी तस्वीर (Congress Politics in Rajasthan) अब भी धूंधली नजर आ रही है. गहलोत का कांग्रेस और समर्थक विधायकों के प्रति विशेष प्रेम दिखा, लेकिन पायलट कैंप के दोनों विधायकों के हाथ खाली हैं. यहां समझिए सियासी गणित...

CM Gehlot And Sachin Pilot
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट

By

Published : Feb 18, 2022, 5:58 PM IST

Updated : Feb 18, 2022, 6:07 PM IST

जयपुर. राजस्थान का जयपुर जिला वैसे तो सत्ताधारी दल हो या विपक्ष, सभी के लिए महत्वपूर्ण होता है. यहां के नेता हमेशा अन्य जिलों की अपेक्षा ज्यादा पद पाते रहे हैं, लेकिन इस बार जयपुर से आने वाले सत्ताधारी दल कांग्रेस और उसका समर्थन कर रहे निर्दलीय विधायकों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की विशेष (Gehlot Government Political Decision) अनुकंपा बरस रही है. यहां के 19 में से 10 कांग्रेस और तीन निर्दलीय विधायकों में से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 8 विधायकों को एडजस्ट कर दिया है.

हालांकि, एडजस्ट होने वाले विधायकों की लिस्ट से पायलट कैंप के विधायक (Adjustment of Pilot Camp in Rajasthan) इंद्राज गुर्जर और वेद सोलंकी के नाम नदारद हैं. इनके अलावा जयपुर जिले से आने वाले गहलोत गुट के बाकी बचे दो कांग्रेस विधायकों गंगा देवी और गोपाल मीणा के साथ ही शाहपुरा से निर्दलीय विधायक आलोक बेनीवाल को अभी पद दिए जाने की उम्मीद है. पद दिए जाने वाली लिस्ट में सचिन पायलट कैंप के दोनों विधायक आगे शामिल होंगे या नहीं, इस पर अभी कुछ स्पष्ट नहीं है.

जयपुर जिले में किसे क्या मिला ?

जयपुर जिले के 19 में से 10 कांग्रेस और 3 समर्थक निर्दलीयों में से चार मंत्री और चार बोर्ड आयोग में अध्यक्ष...
जयपुर जिले में कुल 19 विधानसभा सीटें आती है. इनमें से 10 विधानसभा सीटों में कांग्रेस के विधायक हैं तो वहीं दूदू से बाबूलाल नागर, बस्सी से लक्ष्मण मीणा और शाहपुरा से आलोक बेनीवाल कांग्रेस समर्थक निर्दलीय विधायक हैं. इन 13 विधायकों में से अब तक चार नेताओं को मंत्री बनाया जा चुका है तो चार विधायकों को बोर्ड आयोगों में पद दे दिए गए हैं. लेकिन यह सभी आठों विधायक गहलोत गुट से संबंध रखते हैं.

पढ़ें :Gehlot in Punjab : अलग-अलग सही, लेकिन पायलट के बाद अब CM गहलोत भी उतरे पंजाब के 'रण' में...

हालांकि, बाकी बचे पांच विधायकों में से तीन विधायक अभी गहलोत गुट के ऐसे भी हैं, जिन्हें पद नहीं मिला है. लेकिन उन्हें भी उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें समाहित कर लिया जाएगा. वहीं, 8 में से पायलट कैंप का एक भी विधायक नहीं होना (Confusion Over Indraj Gurjar and Ved Solanki) साफ बताता है कि अभी पायलट कैंप को स्वीकारोक्ति मिलने में समय लगेगा.

मंत्री : महेश जोशी, प्रताप सिंह खाचरियावास, लालचंद कटारिया और राजेंद्र यादव.

बोर्ड आयोग या सलाहकार पद पर नियुक्ति : अमीन कागजी को हज कमेटी चेयरमैन, रफीक खान को राजस्थान राज्य अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष, निर्दलीय विधायक लक्ष्मण मीणा को राजस्थान अनुसूचित जनजाति आयोग का अध्यक्ष और बाबूलाल नागर को मुख्यमंत्री का सलाहकार बनाया गया है.

पढ़ें :मुख्यमंत्री गहलोत ने 11 विधायकों को दी राजनीतिक नियुक्ति, लेकिन सुविधाएं मिलने में फंस रहा यह पेच

गहलोत गुट के ये विधायक अभी इंतजार में : गंगा देवी, गोपाल मीणा और निर्दलीय विधायक आलोक बेनीवाल.

पायलट कैंप के दो विधायक, दोनों खाली हाथ...
वैसे तो 13 में से 8 विधायकों को ही सरकार में मंत्री पद या अन्य पद दिए गए हैं, लेकिन पांच अभी बिना पद के हैं. खास बात यह है कि सभी आठों विधायक (Congress Politics in Rajasthan) मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गुट से आते हैं. जबकि जयपुर जिले के 19 विधायकों में से पायलट कैंप के केवल दो विधायक वेद प्रकाश सोलंकी और इंद्राज गुर्जर हैं और दोनों ही विधायकों का नंबर किसी नियुक्ति में नहीं आया है.

इंद्राज गुर्जर, सचिन पालट और वेद सोलंकी
कम ही नजर आते हैं एक साथ... भले ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच (Future of Congress in Rajasthan) अब कहने को सबकुछ ठीक चल रहा हो, लेकिन हकीकत यह है कि राजस्थान में रहते हुए भी कम ही ऐसे अवसर आते हैं, जब दोनों नेता एक साथ नजर आते हैं. राजस्थान में जब विधायकों का चिंतन शिविर 6, 7 और 8 फरवरी को बुलाया गया था तो पायलट और गहलोत की मुलाकात केवल 7 फरवरी को विधायक दल की बैठक के दौरान हुई थी.

पढ़ें :राजस्थान राजनीतिक नियुक्तियों में CM गहलोत की छाप, पायलट कैंप के केवल 4 नेता...देखिए पूरी लिस्ट

पंजाब में दिखे दोनों नेता, लेकिन अलग-अलग...
दरअसल, राजस्थान विधानसभा सत्र में पायलट पांच राज्यों के चुनाव में प्रचार के चलते नहीं पहुंचे. जबकि विधानसभा सत्र के अवकाश होते ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पंजाब का रुख कर लिया. लेकिन दोनों नेता पंजाब में भी साथ दिखाई नहीं दिए और अलग-अलग सीटों पर प्रचार करते रहे. सचिन पायलट ने तीन दिनों तक पंजाब में प्रचार किया. इसी बीच अशोक गहलोत पंजाब पहुंचे, लेकिन उसी दौरान सचिन पायलट पंजाब से वापस राजस्थान के जोधपुर के लिए रवाना हो गए. इसलिए राजस्थान के बाद पंजाब में भी दोनों नेता एक साथ दिखाई नहीं दिए.

Last Updated : Feb 18, 2022, 6:07 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details