जयपुर.वैश्विक महामारी कोरोना में राजस्थान पुलिस ने पूरे प्रदेश में चालान की ताबड़तोड़ कार्रवाई को अंजाम दिया. अब तक राजस्थान सरकार के खजाने में 39 करोड़ रुपए का राजस्व जुर्माने के रूप में जमा हो गया है. पूरे प्रदेश में पुलिस ने बड़े पैमाने पर आमजन को कोरोना के प्रति जागरूक करने के लिए अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया. लोगों को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करने को लेकर जिला प्रशासन व अन्य विभागों के साथ मिलकर अनेक कैंपेन चलाया.
पुलिसकर्मियों ने आमजन से कोरोना गाइडलाइन की पालना करने को लेकर अपील भी की और लंबे समय तक लोगों से समझाइश का दौर भी जारी रहा. इसके बावजूद भी आमजन लापरवाही बरतते हुए पाए गए. जिनके खिलाफ सख्ती बरतते हुए राजस्थान पुलिस ने राजस्थान एपिडेमिक ऑर्डिनेंस के तहत चालान काटने की कार्रवाई शुरू की जो पूरे प्रदेश में लगातार जारी है.
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कोरोना की दूसरी लहर के चलते प्रदेश में संक्रमण की दर में एक बार फिर से इजाफा हुआ. जिसके बाद राजस्थान सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सर्वाधिक संक्रमित प्रकरणों के सामने आने के बाद 13 जिलों में रात्रि कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया. इसके साथ ही कोरोना गाइडलाइन की पालना कराने को लेकर पुलिस विभाग के अलावा अन्य विभागों को भी सख्ती बरतने के निर्देश जारी किए. जिसके बाद पुलिस मुख्यालय से सभी रेंज आईजी और जिला एसपी को कोविड प्रोटोकॉल की सख्ती से पालना कराने के निर्देश जारी किए.
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगाया कर्फ्यू
डीजीपी एमएल लाठर का कहना है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को देखते हुए शुरुआत में 8 जिलों में रात्रि कर्फ्यू लगाया गया. बाद में 5 अन्य जिलों में भी रात्रि कर्फ्यू लगाया गया. जिसके बाद वर्तमान में 13 जिलों में रात्रि कर्फ्यू लगातार जारी है. लाठर का कहना है कि कानून व्यवस्था को लेकर कर्फ्यू नहीं लगाया गया है बल्कि महामारी के विस्तार को रोकने के लिए आमजन के स्वास्थ्य को मद्देनजर रखते हुए रात्रि कर्फ्यू लगाया गया है.
लाठर ने बताया कि ऐसा व्यक्ति जिसे किसी विवाह में शामिल होने जाना हो, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे या एयरपोर्ट जाना हो उन्हें रात्रि कर्फ्यू के दौरान किसी भी तरह के पास की कोई आवश्यकता नहीं है. ऐसे व्यक्ति अपने निजी वाहन या टैक्सी से यात्रा करते हैं. जिसमें स्वतः ही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो जाती है.