जयपुर. राजस्थान पुलिस धीरे-धीरे हाइटेक हो रही है. जिससे वे अपराधियों से निपट सके. आजकल अपराधी किसी भी वारदात को अंजाम देने के लिए अत्याधुनिक तकनीक के हथियार का इस्तेमाल करते हैं. जिसको देखते हुए साल 2017 में अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही थ्री नॉट थ्री राइफल को पुलिस बेड़े में से हटा दिया गया. उसके स्थान पर अत्याधुनिक हथियार एसएलआर, इंसास राइफल, एके-47, 12 बोर पंप एक्शन गन आदि शामिल किए गए. जिससे पुलिस और सशक्त हो लेकिन इसके बावजूद भी कई बार राजस्थान पुलिस बदमाशों और तस्करों से मात खा रही है. इसके पीछे का सबसे प्रमुख कारण क्रिमिनल इंटेलिजेंस का नहीं मिल पाना है.
राजस्थान पुलिस की ओर से साल 2017 में अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही थ्री नॉट थ्री राइफल को पुलिस बेड़े में से हटाकर उसके स्थान पर अत्याधुनिक हथियार एसएलआर, इंसास राइफल, एके-47, 12 बोर पंप एक्शन गन आदि शामिल किए गए. इसके साथ ही इन तमाम नए हथियारों के रखरखाव और हत्यारों को ऑपरेट करने से संबंधित ट्रेनिंग भी जवानों से लेकर अधिकारियों तक दी गई. वर्तमान में राजस्थान पुलिस के पास अत्याधुनिक हथियारों की कोई भी कमी नहीं है लेकिन इसके बावजूद भी कई बार राजस्थान पुलिस बदमाशों और तस्करों से मात खा रही है. इसके पीछे का सबसे प्रमुख कारण क्रिमिनल इंटेलिजेंस का नहीं मिल पाना है. जैसे-जैसे इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी में बदलाव हुआ है. उसे बदमाशों ने भी अपने तौर-तरीकों में अपनाना शुरू किया है. यही कारण है कि बदमाश अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हैं और पुलिस बदमाशों का सुराग नहीं लगा पाती है.
एडीजी क्राइम डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि राजस्थान पुलिस के जवानों के पास एसएलआर और इंसास राइफल है, जो कि बदमाशों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए काफी है. इसके साथ ही राजस्थान पुलिस की ओर से गठित किए गए तमाम विशेष दस्ते, कमांडो टीम, क्विक रिस्पांस टीम, इमरजेंसी रिस्पांस टीम, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप, आतंकवादी निरोधक दस्ता, आईजी रेंज स्तर की विशेष टीम और प्रत्येक जिले की डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टीम के पास और भी उन्नत किस्म के हथियार हैं. जिनमें एके-47 और अन्य हथियार शामिल हैं. इन तमाम हथियारों के बारे में पुलिसकर्मियों को लगातार ट्रेनिंग दी जाती है, यहां तक कि पुलिस में भर्ती होने से लेकर प्रमोशन और रिफ्रेशर कोर्स के दौरान अलग हथियारों की जानकारी और उनके संचालन का तरीका सिखाया जाता है.
अत्याधुनिक हथियारों के साथ ही दिया जाता है इस स्पेशल ऑपरेशन को अंजाम