जयपुर. राजस्थान पुलिस मुख्यालय में 10 साइबर वारियर्स का सम्मान किया गया. डीजीपी एमएल लाठर ने कहा कि बदलते तकनीकी परिवेश में पुलिसकर्मियों के तकनीकी कौशल को बढ़ाने के निरंतर प्रयासों के साथ ही आमजन को भी साइबर अपराधों के बारे में अधिक से अधिक जागरूक करने की आवश्यकता है.
डीजीपी लाठर सोमवार शाम को पुलिस मुख्यालय में राजस्थान पुलिस और सरदार पटेल पुलिस, सुरक्षा और दाण्डिक न्याय विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में 10 साइबर वारियर्स का सम्मान किया (Rajasthan Police 10 Cyber warriors honoured in Jaipur) गया. पुलिस उप अधीक्षक संजय आर्य पुलिस निरीक्षक सज्जन कंवर, पुलिस निरीक्षक पूनम चौधरी, कांस्टेबल रोशन कुमार, हेड कांस्टेबल टोंक राजेश चौधरी, कांस्टेबल अलवर तनवीर कुमार, कांस्टेबल बीकानेर दिलीप सिंह, कांस्टेबल चालक अभिमन्यु कुमार सिंह, कांस्टेबल उदयपुर कुलदीप सिंह और कांस्टेबल एसओजी महेंद्र कुमार को पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया.
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इस अवसर पर डीजीपी लाठर ने कहा कि मोबाइल व इंटरनेट का उपयोग अब एक आवश्यकता बन चुकी है, लेकिन इनके बढ़ते उपयोग से साइबर अपराधों के साथ ही महिलाओं के प्रति अपराध भी बढ़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि साइबर अपराध के बारे में आमजन को जागरूक करने के लिए व्यापक प्रयासों की आवश्यकता है.
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विश्वविद्यालय कुलपति डॉ आलोक त्रिपाठी ने कहा कि विश्वविद्यालय की ओर से शिक्षा प्रदान करने और अनुसंधान कार्यो के साथ ही आमजन को जागरूक करने के बारे में प्रचार प्रसार कार्य किया जा रहा है. उन्होंने विश्वविद्यालय में आयोजित विभिन्न पाठ्यक्रमों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा साइबर सुरक्षा व अपराध के बारे में डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स प्रारम्भ किए हैं. इन कॉर्सेज को करने वालों को पुलिस उपनिरीक्षक और कांस्टेबल भर्ती में लाभ का भी प्रावधान किया गया है. उन्होंने पुलिसकर्मियों को विश्विद्यालय के तकनीकी कॉर्सेज करवाने पर बल दिया.
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अतिरिक्त महानिदेशक अपराध डॉ रवि प्रकाश ने कहा कि संचार के क्षेत्र में हुए तकनीकी विकास से अनेक सुविधाओं बढ़ने के साथ ही साइबर क्राइम भी बढ़े हैं. मोबाइल, ऑनलाइन व यूपीआई द्वारा भुगतान की सुविधा से कैशलेस व्यवस्था बढ़ने के साथ ही फाइनेंशियल फ्रॉड भी बढ़े हैं. बढ़ते क्राइम को ध्यान में रखते हुए पुलिसकर्मियों को आवश्यक प्रशिक्षण जरूरी है.