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पंचायत चुनाव परिणाम: कांग्रेस विधायकों का लेखा-जोखा, कोई Pass तो कोई Fail

पंचायत समिति सदस्यों के परिणाम कांग्रेस पार्टी के लिए हर लिहाज से बेहतर रहा. कांग्रेस पार्टी ने 1564 में से सर्वाधिक 670 पंचायत समिति सदस्य चुनाव जीते हैं, तो विपक्षी दल भाजपा 551 पर सिमट गई है. 18 कांग्रेस विधायकों की विधानसभा में आने वाली पंचायत समितियों के क्या परिणाम रहे, यहां जानिए...

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कांग्रेस विधायकों का लेखा-जोखा

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Published : Sep 5, 2021, 9:45 AM IST

जयपुर. राजस्थान में पंचायत समिति सदस्यों के परिणाम कांग्रेस पार्टी के लिए हर लिहाज से बेहतर रहा. कांग्रेस पार्टी ने 1564 में से सर्वाधिक 670 पंचायत समिति सदस्य चुनाव जीते हैं, तो विपक्षी दल भाजपा 551 पर सिमट गई है. लेकिन आपको बता दें कि जिन 78 पंचायत समितियों में यह चुनाव हुए थे वह जिन 37 विधानसभा क्षेत्रों में आते थे, उनमें से 30 विधानसभा क्षेत्र ऐसे थे जहां विधायक कांग्रेस या कांग्रेस के समर्थक थे. इनमें 18 कांग्रेस विधायक, 6 मंत्री और 6 निर्दलीय विधायक शामिल हैं.

18 कांग्रेस विधायकों की विधानसभा में आने वाली पंचायत समितियों के परिणाम

बयाना और रूपवास पंचायत समिति- अमर सिंह जाटव

बयाना की 23 पंचायत समिति सदस्यों में से 4 भाजपा, 3 कांग्रेस और 16 पंचायत समितियां निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीती है. ऐसे में बयाना में निर्दलीयों को बहुमत है. वहीं, रूपवास के 23 पंचायत समिति सदस्यों में से 9 में कांग्रेस, 6 में भाजपा और 8 में निर्दलीय चुनाव जीते हैं. ऐसे में प्रधान पद निर्दलीयों के आसरे है.

कांग्रेस विधायकों का लेखा-जोखा

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कुम्हेर और डीग पंचायत समिति- विश्वेन्द्र सिंह

कुम्हेर की 19 पंचायत समिति में से 5 में भाजपा, 1 में कांग्रेस और 13 पंचायत समितियों में निर्दलीय चुनाव जीते हैं. ऐसे में कुम्हेर में निर्दलीयों को बहुमत मिला है. वहीं, डीग पंचायत समिति में 19 पंचायत समिति सदस्य है. इनमें से 3 सदस्य कांग्रेस के, 1 बीएसपी का, 1 भाजपा का और 14 सदस्य निर्दलीय चुनाव जीते हैं. ऐसे में डीग पंचायत समिति में निर्दलीयों को बहुमत मिला है.

नदबई और उच्चैन पंचायत समिति- जोगेंद्र अवाना

नदबई की 27 पंचायत समिति में से 2 पंचायत समिति सदस्य भाजपा के, 1 पंचायत समिति सदस्य बीएसपी का, एक पंचायत समिति सदस्य कांग्रेस का और 23 पंचायत समिति सदस्य निर्दलीय बने हैं. ऐसे में नदबई में निर्दलीयों को पूर्ण बहुमत मिला है. वहीं, उच्चैन की 15 पंचायत समिति सदस्यों में से 5 कांग्रेस, 1 भाजपा, 2 पर बीएसपी और 7 पंचायत समिति सदस्य निर्दलीय जीते हैं. ऐसे में विधायक जोगिंदर अवाना प्रधान पद निर्दलीयों के सहारे हैं.

कामां और पहाड़ी पंचायत समिति- जाहिदा खान

कामां की 25 पंचायत समिति में से भाजपा के 4 पंचायत समिति सदस्य, कांग्रेस के 6 पंचायत समिति सदस्य और 15 निर्दलीय पंचायत समिति सदस्य चुने गए हैं. ऐसे में कामा में निर्दलीयों को बहुमत मिला है. वहीं, पहाड़ी की 29 पंचायत समिति में से 11 में कांग्रेस, 2 में भाजपा और 16 जगह निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की. यहां भी निर्दलीयों को बहुमत है.

नगर पंचायत समिति- वाजिब अली

नगर के 29 पंचायत समिति सदस्यों में से 8 कांग्रेस, 3 भाजपा और 17 पंचायत समिति सदस्य निर्दलीय निर्वाचित हुए हैं. ऐसे में निर्दलीयों को पूर्ण बहुमत मिला है.

बेजुपाड़ा, बसवा और बांदीकुई पंचायत समिति- जीआर खटाना

बेजुपाड़ा की 17 पंचायत समिति में से 8 पंचायत समितियों पर कांग्रेस, 4 पंचायत समिति पर भाजपा और 4 पंचायत समिति पर निर्दलीय समिति सदस्य जीते हैं. अब तक आए 16 पंचायत समिति सदस्यों के नतीजों के आधार पर कांग्रेस बेजुपाड़ा पंचायत समिति में पूर्ण बहुमत पा चुकी है. वहीं, बांदीकुई की 19 पंचायत समिति सदस्यों में से 10 कांग्रेस, 5 पर भाजपा, 1 बीएसपी और 3 निर्दलीय चुनाव जीते हैं. बांदीकुई पंचायत समिति में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला है. बसवा के 15 पंचायत समिति सदस्यों में से 5 सदस्य बीजेपी के, 2 सदस्य बीएसपी के और 8 सदस्य कांग्रेस पार्टी के चुने रहे हैं. ऐसे में बसवा में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला है और प्रधान कांग्रेस का बनेगा.

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दौसा, नांगल राजावतान और लवाण पंचायत समिति- मुरारी लाल मीणा

दौसा की 25 पंचायत समिति सदस्यों में से भाजपा के 5, कांग्रेस के 14 और 6 निर्दलीय जीते हैं. ऐसे में कांग्रेस को दौसा में पूर्ण बहुमत मिला है और प्रधान भी दौसा में कांग्रेस का ही बनेगा. नांगल राजावतान की 17 पंचायत समिति सदस्यों में से भाजपा के 3, कांग्रेस के 8 और 6 सदस्य निर्दलीय निर्वाचित हुए हैं. ऐसे में कांग्रेस को यहां प्रधान बनाने के लिए निर्दलीयों पर निर्भर होना पड़ेगा. वहीं, लवाण की 15 पंचायत समिति सदस्यों में से 7 पर कांग्रेस, 5 में भाजपा और 3 निर्दलीय चुनाव जीते हैं. लवाण में भी प्रधान बनाने के लिए कांग्रेस को निर्दलीयों के सहारे की जरूरत पड़ेगी.

विराटनगर और पावटा पंचायत समिति- इंद्राज गुर्जर

विराटनगर की 25 पंचायत समिति सदस्यों में से 16 में कांग्रेस और 9 में भाजपा प्रत्याशी जीते हैं. ऐसे में विराटनगर में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला है और प्रधान भी कांग्रेस का ही बनेगा. वहीं, पावटा के 23 पंचायत समिति सदस्यों में से 10 कांग्रेस ओर 10 भाजपा के जीते हैं. पावटा में 2 आरएलपी और एक निर्दलीय निर्वाचित हुआ है. ऐसे में प्रधान बनाने के लिए भाजपा हो या कांग्रेस आरएलपी के सहयोग की आवश्यकता होगी.

जमवारामगढ़ और आंधी पंचायत समिति- गोपाल मीणा

जमवारामगढ़ के 27 पंचायत समिति सदस्यों में से 12 भाजपा, 14 कांग्रेस और एक निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है. जमवारामगढ़ में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला है, प्रधान भी कांग्रेस का ही बनेगा. आंधी के 19 पंचायत समिति में से भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के 9-9 पंचायत समिति सदस्य चुनाव जीते हैं. मुकाबला टाई है. ऐसे में एक निर्दलीय यह तय करेगा कि प्रधान किसका बनेगा.

चाकसू, कोटखावदा और माधोराजपुरा पंचायत समिति- वेद प्रकाश सोलंकी

चाकसू के 15 पंचायत समिति सदस्यों में से 7 कांग्रेस, 5 भाजपा, 2 आरएलपी और एक निर्दलीय पंचायत समिति सदस्य बने हैं. ऐसे में कांग्रेस को प्रधान बनाने के लिए निर्दलीयों पर निर्भर रहना होगा. कोटखावदा के 15 पंचायत समिति सदस्यों में से 8 भाजपा, 5 कांग्रेस और 2 निर्दलीय पंचायत समिति सदस्य चुनाव जीते हैं. यहां भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला है और प्रधान भी भाजपा का बनेगा. वहीं, माधोराजपुरा के 15 पंचायत समिति सदस्यों में से 9 भाजपा, 4 कांग्रेस, 1 आरएलपी और 1 निर्दलीय पंचायत समिति मेंबर चुनाव जीता है. भाजपा को यहां पूर्ण बहुमत मिला है. ऐसे में प्रधान भी भाजपा का ही बनेगा.

लूणी, धवा, केरु और मंडोर पंचायत समिति- महेंद्र विश्नोई

लूणी के 25 पंचायत समिति सदस्यों में से कांग्रेस के 13 और भाजपा के 12 पंचायत समिति सदस्य चुनाव जीते हैं. ऐसे में पूर्ण बहुमत के साथ कांग्रेस अपना प्रधान लूणी में बनाएगी. धवा के 17 पंचायत समिति सदस्यों में से 12 पंचायत समिति सदस्य भाजपा के बने हैं, तो कांग्रेस के खाते में केवल 5 पंचायत समिति सदस्य आए हैं. ऐसे में पूर्ण बहुमत के साथ भाजपा अपना प्रधान धवा में बनाएगी. केरु के 15 पंचायत समिति सदस्यों में से 9 भाजपा, 5 कांग्रेस और एक निर्दलीय पंचायत समिति सदस्य निर्वाचित हुआ है. ऐसे में पूर्ण बहुमत के साथ केरु पंचायत समिति में भाजपा का प्रधान बनेगा. मंडोर के 17 पंचायत समिति सदस्यों में से 5 भाजपा और 8 कांग्रेस के पंचायत समिति सदस्य बने हैं. मंडोर में 3 निर्दलीय और एक आरएलपी का पंचायत समिति सदस्य भी चुनाव जीता है. ऐसे में मंडोर में प्रधान किसका होगा यह निर्दलीय ही तय करेंगे.

ओसियां, तिंवरी और बावड़ी पंचायत समिति- दिव्या मदेरणा

ओसियां के 23 पंचायत समिति सदस्यों में से 11 भाजपा और 11 ही कांग्रेस के पंचायत समिति सदस्य चुनाव जीते हैं. ऐसे में ओसियां प्रधान कौन होगा इसका निर्णय निर्दलीय ही करेंगे. तिंवरी के 23 पंचायत समिति सदस्यों में से भाजपा के 12, कांग्रेस के 9 और आरएलपी के 2 पंचायत समिति सदस्य चुनाव जीते हैं. ऐसे में पूर्ण बहुमत के साथ तिंवरी में भाजपा का प्रधान बनेगा. बावड़ी के 21 पंचायत समिति सदस्यों में से भाजपा के 5, कांग्रेस के 9 और आरएलपी के 7 पंचायत समिति सदस्य निर्वाचित हुए हैं. ऐसे में प्रधान का निर्णय भाजपा ही करेगी कि वह आरएलपी को समर्थन देती है या नहीं.

बिलाड़ा और पीपाड़ पंचायत समिति- हीरा राम मेघवाल

बिलाड़ा के 19 पंचायत समिति सदस्यों में से 7 सदस्य भाजपा के, 8 कांग्रेस के, 2 निर्दलीय और 2 आरएलपी के पंचायत समिति सदस्य निर्वाचित हुए हैं. ऐसे में निर्दलीय और आरएलपी ही यह तय करेंगे कि प्रधान कांग्रेस का बनेगा या भाजपा का. पीपाड़ शहर के 23 पंचायत समिति सदस्य में से 6 सदस्य भाजपा के, 11 सदस्य कांग्रेस के और 6 सदस्य निर्दलीय चुने गए हैं. ऐसे में कांग्रेस को यहां प्रधान बनाने के लिए निर्दलीयों के सहारे रहना होगा.

शेरगढ़, बालेसर, शेखला और चामू पंचायत समिति- मीना कंवर

शेरगढ़ की 17 पंचायत समिति में 2 समिति सदस्य भाजपा के हैं तो 15 पंचायत समिति कांग्रेस के बने हैं. ऐसे में शेरगढ़ पंचायत समिति में पूर्ण बहुमत से कांग्रेस का प्रधान बनेगा. बालेसर की 21 पंचायत समिति में से 8 पंचायत समिति सदस्य भाजपा के जीते हैं, तो 12 पंचायत समिति सदस्य कांग्रेस के, बालेसर में एक पंचायत समिति सदस्य निर्दलीय भी जीता है. ऐसे में बालेसर पंचायत समिति में प्रधान कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ बनाएगी. शेखला की 15 पंचायत समिति में से 6 पर भाजपा और 8 पर कांग्रेस और एक निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है. ऐसे में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला है. चामू की 15 पंचायत समिति में से 5 भाजपा, 5 कांग्रेस और 5 आरएलपी के पंचायत समिति सदस्य जीते हैं. अब दोनों पार्टियों को आरएलपी और आरएलपी को दोनों पार्टियों की प्रधान बनाने के लिए आवश्यकता है.

लोहावट, आउ, बापिणी और देचू पंचायत समिति- किशना राम विश्नोई

लोहावट पंचायत समिति के 19 सदस्यों में भाजपा के 6, कांग्रेस के 10, निर्दलीय 2 और 1 आरएलपी के पंचायत समिति सदस्य ने जीत दर्ज की है. कांग्रेस को यहां पूर्ण बहुमत मिला है. ऐसे में प्रधान भी कांग्रेस का बनेगा. आउ के 15 पंचायत समिति सदस्यों में से भाजपा के 7 सदस्य और कांग्रेस के भी 7 सदस्य चुनाव जीते हैं. आउ पंचायत समिति में एक निर्दलीय पंचायत समिति सदस्य यह तय करेगा कि प्रधान भाजपा का बनेगा या कांग्रेस का. बापिणी की 15 पंचायत समिति में 6 पंचायत समिति सदस्य भाजपा के, 7 पंचायत समिति सदस्य कांग्रेस के और 2 पंचायत समिति सदस्य आरएलपी के जीते हैं. ऐसे में आरएलपी के सदस्य जिस पार्टी को समर्थन करेंगे प्रधान उसी पार्टी का बनेगा. देचू के 17 पंचायत समिति में से 9 भाजपा और 8 कांग्रेस के पंचायत समिति सदस्य बने हैं. ऐसे में भाजपा पूर्ण बहुमत से इस पंचायत समिति में अपना प्रधान बनाएगी.

बामनवास और बोनली पंचायत समिति- इंदिरा मीणा

बामनवास के 17 पंचायत समिति सदस्यों में से 8 पंचायत समिति सदस्य भाजपा के, 7 कांग्रेस के और 2 निर्दलीय पंचायत समिति सदस्य बने हैं. ऐसे में निर्दलीय ही तय करेंगे कि प्रधान किस पार्टी का होगा. बोनली के 21 पंचायत समिति सदस्यों में से भाजपा के 11, कांग्रेस के 9 और 1 पंचायत समिति सदस्य निर्दलीय निर्वाचित हुआ है. ऐसे में भाजपा को यहां पूर्ण बहुमत मिला है और प्रधान भी भारतीय जनता पार्टी का बनेगा.

सवाई माधोपुर और मलारना डूंगर पंचायत समिति- दानिश अबरार

सवाई माधोपुर की 21 पंचायत समिति में से 6 पंचायत समिति सदस्य भाजपा के, 12 पंचायत समिति सदस्य कांग्रेस के और तीन पंचायत समिति सदस्य निर्दलीय चुनाव जीते हैं. ऐसे में सवाई माधोपुर में कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत है और प्रधान भी कांग्रेस का बनेगा. मलारना डूंगर पंचायत समिति के 17 पंचायत समिति सदस्यों में से 6 भाजपा, 8 कांग्रेस और 3 निर्दलीय चुनाव जीते हैं. ऐसे में निर्दलीय तय करेंगे कि मलारना डूंगर में कौन प्रधान बनेगा.

खंडार और चौथ का बरवाड़ा पंचायत समिति- अशोक बैरवा

खंडार पंचायत समिति के 25 सदस्यों में से 8 भाजपा के, 14 कांग्रेस के और एक पंचायत समिति सदस्य निर्दलीय निर्वाचित हुआ है. ऐसे में पूर्ण बहुमत के साथ खंडार पंचायत समिति में कांग्रेस का प्रधान बनेगा. चौथ का बरवाड़ा के 21 पंचायत समिति सदस्यों में से 7 भाजपा के, 13 कांग्रेस के और एक पंचायत समिति सदस्य निर्दलीय बना है. ऐसे में पूर्ण बहुमत के साथ चौथ का बरवाड़ा पंचायत समिति में कांग्रेस का प्रधान बनेगा.

इन पंचायत समितियों में कांग्रेस को मिला पूर्ण बहुमत

बेजुपाड़ा, बांदीकुई, दौसा, विराटनगर, जमवारामगढ़, लूणी, शेरगढ़, सेखला, लोहावट, सवाई माधोपुर, खंडार और चौथ का बरवाड़ा पंचायत समिति.

कांग्रेस के 5 विधायकों की 6 विधानसभा में भाजपा ने छीना पूर्ण बहुमत

चाकसू विधायक वेद सोलंकी की कोटखावदा, लूणी विधायक महेंद्र विश्नोई की केरु पंचायत समिति और धवा पंचायत समिति, ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा की पंचायत समिति तिंवरी, लोहावट विधायक किशना राम विश्नोई की डेचू पंचायत समिति और बामनवास विधायक इंदिरा मीणा की बोनेली पंचायत समिति में भाजपा अपना प्रधान बनाएगी.

इन कांग्रेस विधायकों की विधानसभा में निर्दलीयों को पूर्ण बहुमत

बयाना विधायक अमर सिंह जाटव की विधानसभा में आने वाली बयाना और रूपबास पंचायत समिति, डीग कुम्हेर विधायक विश्वेंद्र सिंह की पंचायत समिति में आने वाली डीग और कुम्हेर पंचायत समिति, नदबई विधायक जोगिंदर अवाना की नदबई पंचायत समिति, कामां विधायक जाहिदा खान की कामां पंचायत समिति में कांग्रेस विधायकों के विधानसभा में आने वाली पंचायत समिति पर निर्दलीयों ने पूर्ण बहुमत पाया है.

यहां जोड़-तोड़ कर निर्दलीयों के सहारे कांग्रेस विधायक बना लेंगे प्रधान

उच्चैन, नांगल राजावतान, लवाण, पावटा, पीपाड़ शहर, बिलाड़ा और मंडोर, बामनवास ओर मलारना डूंगर पंचायत समिति.

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