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क्या हो रहा जनता का कांग्रेस-भाजपा से मोहभंग ? 90 में से 46 निकायों पर सत्ता की चाबी निर्दलीयों के हाथ में

राजस्थान में 20 जिलों के 90 निकायों के नतीजे सामने आ चुके हैं. इन चुनावों के नतीजे दोनों बड़ी पार्टियां कांग्रेस और भाजपा को सोचने पर मजबूर किया है कि क्या अब जनता का दोनों ही पार्टियों के नेताओं से मोहभंग हो रहा है. निकाय के नतीजे तो इसी ओर इशारा कर रहे हैं. दोनों दलों के बड़े नेता कुछ भी कहें, लेकिन प्रदेश की जनता ने अपने फैसले से इन्हें सोचने पर मजबूर कर दिया है.

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राजस्थान में क्या हो रहा जनता का कांग्रेस-भाजपा से मोहभंग

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Published : Feb 1, 2021, 12:45 PM IST

Updated : Feb 1, 2021, 1:30 PM IST

जयपुर. राजस्थान में 20 जिलों के 90 निकायों के नतीजे अब सामने आ चुके हैं. इन चुनावों के नतीजों ने चाहे सत्ताधारी दल कांग्रेस हो या विपक्षी दल भाजपा, दोनों को सोचने पर मजबूर किया है कि क्या अब जनता का दोनों ही पार्टियों के नेताओं से मोहभंग हो रहा है. यही कारण है कि राजस्थान में इन निकाय चुनाव के नतीजों में निर्दलीय न केवल बड़ी संख्या में जीत कर आए हैं, बल्कि राजस्थान में इन 90 निकायों में से 46 निकाय ऐसे हैं, जहां निर्दलीय ही तय करेंगे कि किस पार्टी का बोर्ड इन निकायो में बनेगा.

90 में से 46 निकायों पर सत्ता की चाबी निर्दलीयों के हाथ में...

मतलब साफ है कि 50 फीसदी से ज्यादा निकाय ऐसे हैं, जहां सत्ताधारी दल कांग्रेस और भाजपा निर्दलीयों के आसरे होंगी और अगर अपने प्रत्याशियों के दम पर भाजपा और कांग्रेस के बोर्ड बने तो कांग्रेस पार्टी के 90 में से 19 जगह बोर्ड बनेंगे. वहीं, भाजपा के 90 में से 24 जगह ही बोर्ड बनेंगे. ऐसे में यह सवाल साफ तौर पर खड़ा हो गया है कि क्या अब राजस्थान में जनता का मोह दोनों प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस से कम हो रहा है, क्योंकि इससे पहले जब 12 जिलों के 50 निकायों के नतीजे आए थे उस समय भी स्थिति कमोबेश यही बनी थी. जनता के वोट के जरिए जीत कर आए कांग्रेस के प्रत्याशियों के वोट से तो 50 में से 15 जगह ही जीत मिली थी तो भाजपा के हालात तो इतने खराब थे कि वह केवल पांच जगह ही सिमट गई थी.

पढ़ें :चुनाव परिणाम और पड़ताल : पूर्ण बहुमत के मामले में भाजपा से पिछड़ी सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस, 24 निकायों में भाजपा का दबदबा

हालांकि, निर्दलीयों से मिले सहारे के चलते कांग्रेस 15 से 36 पर पहुंची तो वहीं भाजपा 4 से 11 की संख्या पा सकी. अब एक बार फिर 90 निकायों के नतीजों ने यह साफ कर दिया है कि जनता तो भाजपा और कांग्रेस की जगह निर्दलीयों को ही चुनकर भेज रही है. हालांकि, बाद में यह निर्दलीय जरूर भाजपा और कांग्रेस के पक्ष में चले जाते हैं.

यह स्थिति बनी है इस बार निकायों में निर्दलीयों की...

9 निकायों में तो निर्दलीय ही बहुमत में - राजस्थान में आए निकाय चुनाव के नतीजों में 9 निकाय ऐसे रहे जहां निर्दलीय पूर्ण बहुमत में हैं :

भादरा नगर पालिका
रावतसर नगर पालिका
संगरिया नगर पालिका
बगड़ नगर पालिका
चिड़ावा नगर पालिका
मुकुंदगढ़ नगर पालिका
खंडेला नगर पालिका
रींगस नगर पालिका
भिंडर नगर पालिका

20 जिलों के 90 निकायों के नतीजे...

37 नगर निकाय ऐसे जहां निर्दलीयों का सहारा लेकर ही पार्टियां बना सकेंगी बोर्ड :

भीलवाड़ा नगर परिषद
सुजानगढ़ नगर परिषद
नागौर नगर परिषद
बूंदी नगर परिषद
गुलाबपुरा नगर पालिका
मांडलगढ़ नगर पालिका
देशनोक नगर पालिका
इंदरगढ़ नगर परिषद
केशोरायपाटन नगर पालिका
कापरेन नगर पालिका
लाखेरी नगर पालिका
छापर नगर पालिका
राजलदेसर नगर पालिका
पोकरण नगर पालिका
सांचौर नगर पालिका
भवानीमंडी नगर पालिका
पिड़ावा नगर पालिका
खेतड़ी नगर पालिका
उदयपुरवाटी नगरपालिका
कुचामन सिटी नगर पालिका
लाडनू नगर पालिका
मेड़ता सिटी नगर पालिका
मुंडवा नगर पालिका
फालना नगर पालिका
सोजत सिटी नगर पालिका
फतेहपुर नगर पालिका
लक्ष्मणगढ़ नगर पालिका
लोसल नगर पालिका
रामगढ़ शेखावटी नगर पालिका
श्रीमाधोपुर नगर पालिका
देवली नगर पालिका
मालपुरा नगर पालिका
कपासन नगर पालिका
बिदासर नगर पालिका
निवाई नगरपालिका

पढ़ें :90 निकायों के चुनाव में कांग्रेस का हाथ हुआ मजबूत...भाजपा ने अजमेर में खिलाया कमल

यह रही 90 निकायों में वार्डों की स्थिति...

प्रदेश में 90 निकायों में हुए 3035 वार्ड में से 3034 वार्ड के नतीजे जारी हो चुके हैं. इनमें से कांग्रेस पार्टी को 1197 वार्डों में जीत मिली है तो भाजपा को 1140 वार्ड में जीत मिली है. वहीं, निर्दलीयों को 634 वार्ड में जीत मिली है. इसके अलावा एनसीपी को 46 वार्ड नो में जीत मिली है. हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी 13 और बीएसपी एक और सीपीआईएम को 3 वार्डों में जीत मिली है.

Last Updated : Feb 1, 2021, 1:30 PM IST

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