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Goodwill of Rajasthan Leaders: बेहतर ढंग से निभाते हैं चुनावी राज्यों की जिम्मेदारी - प्रशांत बैरवा

कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और निवाई से विधायक प्रशांत बैरवा का कहना (Prashant Bairwa on five state election in charge) है कि राजस्थान के नेताओं की दूसरे राज्यों में गुडविल बनी हुई है. चुनावी राज्यों की जिम्मेदारी मिलने पर वे उसे अच्छे से निभाते हैं. राजा-रजवाड़ों के समय से ही प्रदेश के नेताओं का दबदबा रहा है. इसी कारण कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियां राजस्थान के नेताओं को चुनावी राज्यों की बड़ी जिम्मेदारियां सौंपती हैं.

Election charge to leaders of Rajasthan
राजस्थान के नेताओं की Goodwill

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Published : Jan 11, 2022, 5:17 PM IST

Updated : Jan 11, 2022, 8:30 PM IST

जयपुर.देश में पांच राज्यों पंजाब, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, गोवा और मणिपुर में चुनाव होने हैं. पांच में से 4 चुनावी राज्यों में राजस्थान के नेताओं को चुनाव की जिम्मेदारी (election charge in five states) सौंपी गई है. खास बात ये है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों के राष्ट्रीय नेतृत्व ने राजस्थान के नेताओं (Goodwill of Rajasthan Leaders) पर विश्वास जताया है.

देश में होने वाले पांच राज्यों के चुनाव में गोवा को छोड़कर शेष राज्यों उत्तराखंड, पंजाब, उत्तरप्रदेश और मणिपुर में भाजपा और कांग्रेस के राजस्थान के नेताओं को अहम जिम्मेदारियां (Election charge to leaders of Rajasthan) सौंपी गई हैं. पंजाब में कांग्रेस ने राजस्थान के नेता हरीश चौधरी को प्रभारी बनाया है तो भाजपा ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को जिम्मेदारी सौंपी है. उत्तर प्रदेश चुनाव में कांग्रेस ने जुबेर खान और धीरज गुर्जर सह प्रभारी बनाया है. पार्टी ने भंवर जितेंद्र सिंह स्क्रीनिंग कमेटी का चेयरमैन बनाया है.

सवाल यह कि राजस्थान के नेताओं पर भाजपा कांग्रेस दोनों ही राजनीतिक दल इतना विश्वास क्यों जताते हैं. इस पर उत्तराखंड चुनाव को लेकर जिम्मेदारी संभाल रहे प्रदेश कांग्रेस महासचिव प्रशांत बैरवा (Prashant Bairwa on five state election in charge) कहते हैं कि चाहे भाजपा हो या कांग्रेस, राजस्थान के नेता पूरे हिंदुस्तान में फेमस हैं. राजस्थान के नेताओं की गुडविल की रैंकिंग देश में सबसे ऊपर है. क्योंकि मरुधरा की धरती में जन्मा नेता राजा रजवाड़ों की बेहतरीन पॉलिटिक्स से हमेशा सीखता रहा है. इसी के चलते स्ट्रेटजी बनाने में राजस्थान का व्यक्ति बेहतर होता है. यही कारण है कि राजस्थान के नेता हेल्पिंग हैंड के तौर पर दूसरे राज्यों में बेहतर तरीके से काम करते हैं. जिसके चलते राजस्थान के नेताओं को ही जिम्मेदारी दी जाती है.

उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए जिम्मेदारी

उत्तर प्रदेश के चुनाव में कांग्रेस ने भंवर जितेंद्र सिंह को स्क्रीनिंग कमेटी का चेयरमैन बनाया है. वे टिकट वितरण का काम देखेंगे. साथ ही कांग्रेस के जुबेर खान व धीरज गुर्जर उत्तर प्रदेश चुनाव में सह प्रभारी हैं. भारतीय जनता पार्टी ने उत्तरप्रदेश चुनाव के लिए बीकानेर सांसद और केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को सह प्रभारी बनाया है. भाजपा ने करीब 100 नेताओं को उत्तर प्रदेश के चुनावी समर में उतारा है.

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पंजाब चुनाव के लिए जिम्मेदारी

पंजाब में भाजपा-कांग्रेस दोनों ही दलों ने राजस्थान के नेताओं पर विश्वास जताया है. कांग्रेस पार्टी ने हरीश चौधरी को पंजाब का प्रभारी बनाया है. उधर, भाजपा ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को पंजाब चुनाव प्रभारी बनाया है. पंजाब की सीमाओं से जुड़े हनुमानगढ़ और गंगानगर जिलों के नेताओं को भी दोनों ही पार्टियों ने पंजाब चुनाव के लिए या तो जिम्मेदारी सौंपी है, या फिर सौंपने की तैयारी कर रहे हैं.

उत्तराखंड चुनाव के लिए जिम्मेदारी

उत्तराखंड में कांग्रेस के नेता कुलदीप इंदौरा को सह प्रभारी बनाया गया है. उत्तराखंड के प्रभारी देवेंद्र यादव हैं जो राजस्थान के विधानसभा चुनाव के समय सह प्रभारी थे. ऐसे में उन्होंने बड़ी संख्या में राजस्थान के विधायकों और नेताओं को उत्तराखंड चुनाव में लोकसभा और विधानसभा स्तर पर जिम्मेदारी दी है. इन नेताओं में विधायक प्रशांत बैरवा, विधायक इंद्राज गुर्जर, जयपुर की पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल समेत करीब एक दर्जन नेताओं को उत्तराखंड चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

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मणिपुर चुनाव के लिए जिम्मेदारी

मणिपुर में कांग्रेस पार्टी की ओर से तो राजस्थान के किसी नेता को जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है. लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय मंत्री और राजस्थान से राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव को चुनावी प्रभारी के रूप में काम संभलाया है.

Last Updated : Jan 11, 2022, 8:30 PM IST

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