जयपुर.देश में दलहन के आयात से प्रतिबंध हटाए जाने का विरोध तेज हो गया है. किसान महापंचायत राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने भी इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दलहन के आयात पर वापस प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की है. अपने पत्र में किसान महापंचायत ने प्रतिबंध हटाए जाने के कारण किसानों को हो रहे नुकसान को भी गिनाया.
किसान महापंचायत ने लिखा प्रधानमंत्री को पत्र रामपाल जाट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में लिखा की वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से मूंग, उड़द और तूर के आयात से प्रतिबंध हटाने के बाद देश में मूंग उड़द और तूर के दामों में एकदम से गिरावट आ गई और हालात यह है कि अब किसानों को चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी बाजार में प्राप्त होना भी दुर्लभ हो गया है. बाजार में चना 4700 रुपये तक आ गया, जो घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से 400 रुपये प्रति क्विंटल कम है.
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रामपाल जाट ने अपने पत्र में लिखा कि किसानों को उनकी उपज के घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने के लिए खरीद की गारंटी का कानून बनाने के स्थान पर आयात से प्रतिबंध हटा कर के दामों में गिरावट का काम किया है, इसलिए पत्र के जरिए भेजे गए ज्ञापन की मांगों को तुरंत पूरा किया जाए.
किसान महापंचायत ने प्रधानमंत्री से पत्र के जरिए की यह मांग
- मूंग, उड़द, तूर पर आयात के प्रतिबंध को हटाने के लिए 15 मई की अधिसूचना को वापस लिया जाए.
- प्रधान मंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान की मार्गदर्शिका को संशोधित कर दलहन और तिलहन की उपजों के दाने-दाने की खरीद सुनिश्चित करने हेतु सरकारी खरीद में कुल उत्पादन में से 25% की सीमा को समाप्त किया जाए.
- न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बनाया जाए.
- 5 जून 2020 को एक राष्ट्र, एक बाजार के नाम पर लाए गए कानूनों को निष्प्रभावी बनाया जाए.