जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एपीओ आदेश के खिलाफ कोर्ट आने और अदालती आदेश की सत्यापित कॉपी नहीं देने को विभाग की ओर से दुराचरण मानते हुए प्रिंसिपल को चार्जशीट देने पर नाराजगी जताई है.
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अदालत ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी की ओर से की गई कार्रवाई कोर्ट की गरिमा को गिराने वाली है. इसके साथ ही अदालत ने निदेशक के साथ ही विभाग के प्रमुख सचिव को 2 नवंबर को पेश होकर बताने को कहा है कि उनकी ओर से मामले में क्या कार्रवाई की गई. इसके अलावा अदालत ने याचिकाकर्ता को दी गई चार्जशीट पर भी रोक लगा दी है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश प्रवीण कुमार यादव की ओर से दायर याचिका पर दिए.
याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता प्रिंसिपल ने अपने एपीओ आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. जिस पर हाईकोर्ट ने एपीओ आदेश पर रोक लगा दी. वहीं, विभाग ने याचिकाकर्ता को गत 20 जुलाई को विभाग के खिलाफ कोर्ट जाने पर चार्जशीट दे दी. इस चार्जशीट को भी हाईकोर्ट ने 25 अगस्त को स्टे कर दिया. याचिका में कहा गया कि विभाग ने गत 10 अगस्त को याचिकाकर्ता को यह कहते हुए एक और चार्जशीट दी कि उसने कोर्ट के आदेश की सत्यापित कॉपी के बजाय वेबकॉपी दी है, जो कि दुराचरण की श्रेणी में आता है. अदालत के सामने यह जानकारी आने पर अदालत ने विभाग के निदेशक के खिलाफ नाराजगी जताई. इसके साथ ही एकलपीठ ने दोनों अधिकारियों को अदालत में पेश होने के आदेश दिए हैं.