जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव और प्रमुख सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सचिव को नोटिस जारी कर पूछा है कि राज्य अनुसूचित जाति आयोग में पिछले 22 महीनों से अध्यक्ष सहित अन्य पदों पर नियुक्ति क्यों नहीं की गई. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांती और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश निशांत शर्मा की जनहित याचिका पर दिए.
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याचिका में अधिवक्ता तेज सिंह और धर्मराज ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने नवंबर 2011 में राज्य एससी आयोग की स्थापना के संबंध में अधिसूचना जारी की थी. वहीं, अक्टूबर 2015 में आयोग के अध्यक्ष पद पर 3 साल के लिए नियुक्ति दी गई. जबकि जनवरी 2016 में उपाध्यक्ष और सदस्य के पद पर 3 साल के लिए नियुक्तियां हुई. याचिका में कहा गया कि आयोग के अध्यक्ष का कार्यकाल अक्टूबर 2018 और उपाध्यक्ष व सदस्यों का कार्यकाल जनवरी 2019 में पूरा हो चुका है. इसके बावजूद राज्य सरकार की ओर से अब तक खाली पदों पर नियुक्ति नहीं की गई है.
याचिका में ये भी कहा गया कि आयोग में पद खाली रहने के चलते SC जातियों के पीड़ितों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है. इसके अलावा इस वर्ग की आर्थिक, शैक्षिक और सामाजिक विकास योजनाओं की मॉनिटरिंग भी नहीं हो पा रही है. जबकि एनसीआरबी की वर्ष 2016 की रिपोर्ट के अनुसार SC जातियों के लोगों के खिलाफ होने वाले अपराधों में राजस्थान दूसरे नंबर पर है. इसके अलावा नेशनल एससी आयोग की वर्ष 2016 की रिपोर्ट के अनुसार राज्य सतर्कता एवं निगरानी समिति की 3 साल से बैठक नहीं हुई है. याचिका में गुहार की गई है कि आयोग के खाली पदों को तत्काल भरा जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.