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भूतपूर्व सैनिक को शिक्षक पद पर नियुक्ति नहीं देने पर मांगा जवाब, एक पद रिक्त रखने के आदेश

राजस्थान हाईकोर्ट ने वरिष्ठ अध्यापक भर्ती-2018 में अधिक अंक होने के बावजूद भूतपूर्व सैनिक को नियुक्ति नहीं देने पर प्रमुख शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और आरपीएससी सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इसके साथ ही अदालत ने एक पद याचिकाकर्ता के लिए रिक्त रखने के आदेश दिए हैं.

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Rajasthan Highcourt: भूतपूर्व सैनिक को शिक्षक पद पर नियुक्ति नहीं देने पर मांगा जवाब, एक पद रिक्त रखने के आदेश

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Published : Dec 30, 2020, 7:50 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वरिष्ठ अध्यापक भर्ती-2018 में अधिक अंक होने के बावजूद भूतपूर्व सैनिक को नियुक्ति नहीं देने पर प्रमुख शिक्षा सचिव, माध्यमिक शिक्षा निदेशक और आरपीएससी सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इसके साथ ही अदालत ने एक पद याचिकाकर्ता के लिए रिक्त रखने के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने यह आदेश लालचंद की याचिका पर दिए.

राजस्थान हाईकोर्ट

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि कार्मिक विभाग की 21 मई 2019 की अधिसूचना के तहत अगले एक साल में सेवानिवृत्त होने वाला सैनिक भूतपूर्व सैनिक कोटे में आवेदन कर सकता है. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता एक साल के भीतर सेवानिवृत्त हो रहा है. इसके बावजूद भी विभाग ने उसे यह कहते हुए नियुक्ति से वंचित कर दिया कि वह आवेदन के समय सेवा में था. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए एक पद याचिकाकर्ता के लिए रिक्त रखने को कहा है.

दिव्यांग अभ्यर्थी को नियुक्ति नहीं देने पर सरकार से जवाब तलब...

राजस्थान हाईकोर्ट ने नर्स ग्रेड द्वितीय भर्ती-2018 में टीएसपी इलाके के दिव्यांग अभ्यर्थी को अधिक अंक के बावजूद नियुक्ति नहीं देने पर राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है. इसके साथ ही अदालत ने एक पद याचिकाकर्ता के लिए सुरक्षित रखने को कहा है. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने यह आदेश बंसती लाल आहरी की याचिका पर दिए.

याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता चालीस फीसदी दिव्यांग है. उसके दिव्यांग कोटे में अधिक अंक होने के बावजूद भी नियुक्ति नहीं दी जा रही है. याचिकाकर्ता की ओर से इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को कई बार अभ्यावेदन पेश किया जा चुका है. इसके बावजूद भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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