जयपुर. राजस्थान हाइकोर्ट (Rajasthan Highcourt Order) ने महत्वपूर्ण आदेश देते हुए कहा है कि प्रीमियम राशि का चेक बाउंस होने के कारण वाहन की बीमा पॉलिसी रद्द कर दी जाती है, लेकिन उसकी सूचना वाहन मालिक को नहीं दी जाती और वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है तो मुआवजा देने के लिए बीमा कंपनी जिम्मेदार है. इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में दायर याचिका को खारिज कर दिया है. जस्टिस बिरेन्दर कुमार ने यह आदेश न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी की याचिका को खारिज करते हुए दिए.
अदालत ने कहा बीमा कंपनी यह कहकर नहीं बच सकती कि उसने पॉलिसी रद्द करने की सूचना वाहन मालिक को भेज दी थी. इसकी सूचना वाहन मालिक तक सही तरीके से पहुंचनी भी जरूरी है.
मामले के अनुसार 23 जनवरी 2004 को एक ट्रक महेश नगर थाना इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इसमें ट्रक चालक मोहनलाल और खलासी घासी की मौत हो गई थी. दोनों के वारिसों की क्लेम अर्जी को मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण ने 23 मार्च 2011 को स्वीकार कर क्लेम राशि देने के आदेश देते हुए इस भुगतान को वाहन मालिक से वसूलने की छूट दी थी.