जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कोरोना काल में सरकारी मेडिकल कॉलेजों की ओर से पेमेंट सीट के विद्यार्थियों से सेमेस्टर की पूरी फीस वसूलने पर मुख्य सचिव, प्रमुख चिकित्सा शिक्षा सचिव, अतिरिक्त चिकित्सा शिक्षा निदेशक और आरयूएचएस सहित झालावाड़, चूरू, पाली, डूंगरपुर सहित भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.
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मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांती और अभय चतुर्वेदी की खंडपीठ ने यह आदेश राहुल शर्मा की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता सुनील सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि राजस्थान मेडिकल सोसायटी एमबीबीएस की फीस निर्धारित करती है. पेमेंट सीट पर विद्यार्थियों से सालाना सात लाख रुपए से अधिक फीस के तौर पर वसूले जाते हैं.
सरकारी मेडिकल कॉलेजों की ओर से पेमेंट सीट के विद्यार्थियों से सेमेस्टर की पूरी फीस वसूलने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब याचिका में कहा गया कि कोरोना संक्रमण के चलते इस साल एमबीबीएस की कक्षाएं नहीं लग रही हैं. इसके अलावा विद्यार्थी लैब और पुस्तकालय सहित कॉलेजों की अन्य सुविधाओं का लाभ भी नहीं ले रहे हैं. इसके बावजूद कॉलेज प्रशासन की ओर से विद्यार्थियों को पूरी फीस जमा कराने के आदेश जारी किए गए हैं. याचिका में कहा गया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी शैक्षणिक संस्थाएं 30 सितंबर तक बंद हैं. ऐसे में इन विद्यार्थियों को फीस में छूट दी जाए और फीस का भुगतान किश्तों में लिया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.