जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने निवाई तहसील के खोड़ा का खेड़ा गांव की चारागाह भूमि पर बने आवासों को तोड़ने पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने प्रमुख राजस्व सचिव और टोंक कलेक्टर सहित अन्य से जवाब तलब किया है. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश राम कल्याण जाट व अन्य की अपील पर दिए.
चारागाह भूमि पर बने आवासों को तोड़ने पर कोर्ट ने लगाई रोक - Court stays on demolition
निवाई तहसील के खोड़ा का खेड़ा गांव की चारागाह भूमि पर रह रहे लोगों के आवासों के तोड़ने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने रोक लगा दी (Court stays on demolition) है. इसके साथ ही कोर्ट ने प्रमुख राजस्व सचिव और टोंक कलेक्टर सहित अन्य से जवाब तलब किया है. अपील में कहा गया है कि निर्माणों को नहीं तोड़कर सरकार इन्हें नियमित करे.
अपील में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने अदालत को बताया कि अपीलार्थी पिछले तीन दशक से आबादी के समीप स्थित इस चारागाह भूमि पर आवास बनाकर रह रहे हैं. स्थानीय ग्राम पंचायत ने भी इस चारागाह भूमि को आबादी भूमि में परिवर्तन करने के लिए कलेक्टर को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन नायब तहसीलदार ने अपीलार्थियों के निर्माण को हटाने के आदेश दे दिए. अपील में कहा गया कि अपीलार्थियों के पास रहने के लिए और कोई आवास नहीं है. ऐसे में उनके निर्माणों को नहीं तोड़ा जाए और राज्य सरकार को इन्हें नियमित करने के निर्देश जारी किए जाएं. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने आवासों को तोड़ने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.
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