जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने सेठी कॉलोनी स्थित मनोचिकित्सा केंद्र की जमीन पर बसी चेतना कॉलोनी को हटाने के मामले में जेडीए (Jaipur Development Authority) और नगर निगम (Municipal Corporation) के अधिकारियों से 15 दिसंबर को तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. अदालत ने कहा है कि संबंधित अधिकारी कोर्ट में आकर रिपोर्ट पेश करें.
जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और न्यायाधीश विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश द्वारकेश भारद्वाज की अवमानना याचिका पर दिए. इसके साथ ही अदालत ने प्रार्थना पत्र पेश करने वाले 48 परिवारों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने को कहा है.
याचिका में कहा गया कि वर्ष 2016 में अदालत की ओर से आदेश के बावजूद अस्पताल की जमीन पर बसी बस्ती को नहीं हटाया गया है. वहीं सितंबर 2019 में अदालत ने बस्ती हटाने के लिए चार महीने का समय दिया था. दूसरी ओर राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि सर्वे के बाद कुल 372 परिवारों को पुनर्वास करने के लिए सूची तैयार की गई थी. इनमें से 99 परिवारों का पुनर्वास होना शेष है.