जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने पीएचईडी में कार्यरत कर्मचारियों को बिना कारण पदावनत करने पर पीएचईडी सचिव, अधीक्षण अभियंता और विभाग के कार्यकारी अभियंता अलवर को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ताओं को पदोन्नत पद पर काम करते रहने को कहा है. यहा आदेश न्यायाधीश अशोक कुमार गौड़ की एकलपीठ ने भगवान सहाय सैनी अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
इस याचिका में अधिवक्ता बाबूलाल बैरवा ने अदालत को बताया कि कार्मिक विभाग के आदेश के तहत पीएचईडी ने 20 जून 2019 को सहायक पद पर कार्यरत याचिकाकर्ताओं को पंप चालक द्वितीय और फीडर द्वितीय के पद पर पदोन्नत कर दिया. इसके साथ ही उन्हें संबंधित पे स्केल का लाभ भी दिया गया. वहीं, विभाग ने गत 15 जून को आदेश जारी कर याचिकाकर्ताओं के पदोन्नति आदेश को रद्द कर दिया.
याचिका में कहा गया कि विभाग ने पदोन्नति आदेश रद्द करने से पूर्व याचिकाकर्ताओं को नोटिस तक जारी नहीं किए और एकतरफा कार्रवाई करते हुए पदोन्नति आदेश निरस्त किए हैं, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को पदोन्नत पद पर काम करते रहने के आदेश देते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
खेतड़ी कॉपर श्रमिक यूनियन की मान्यता के चुनाव एक माह में कराने के आदेश
राजस्थान हाईकोर्ट ने खेतड़ी कॉपर श्रमिक यूनियन की मान्यता के चुनाव एक माह में कराने के आदेश देते हुए चुनाव परिणाम घोषित होने तक याचिकाकर्ता यूनियन की मान्यता जारी रखने को कहा है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में श्रम मंत्रालय, मुख्य श्रम आयुक्त, क्षेत्रीय श्रम आयुक्त और हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड सहित खेतड़ी कॉपर कॉन्प्लेक्स को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. यह आदेश न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने श्रमिक संघ की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए.
याचिका में कहा गया कि खेतड़ी कॉपर कॉन्प्लेक्स की अधिकृत मान्यता के लिए श्रमिक संगठनों के बीच गुप्त मतदान होता है. इसमें विजयी रहने पर संबंधित संगठन को कॉपर कांप्लेक्स का मान्यता प्राप्त श्रमिक संगठन घोषित किया जाता है.
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याचिका में कहा गया कि वर्ष 2015 में हुए चुनाव में याचिकाकर्ता संघ को विजयी घोषित कर मान्यता प्राप्त यूनियन घोषित किया गया. नियमानुसार अगले चुनाव तक विजय संघ को मान्यता मिली रहती है, लेकिन हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड ने गत 9 जून को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता संघ की मान्यता वापस ले ली और सभी श्रमिक संगठनों से एक-एक सदस्य का नॉमिनेशन मांग लिया.
फिलहाल, मान्यता के लिए श्रमिक संगठनों के बीच चुनाव होने के लिए प्रक्रिया चल रही है, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने अगले चुनाव का परिणाम आने तक याचिकाकर्ता संघ की मान्यता को जारी रखने के आदेश देते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.