जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में मास्टर प्लान की अनदेखी कर प्रशासन शहरों के संग अभियान (prashasan shahron ke sang abhiyan) के तहत लाखों पट्टे देने का प्रावधान करने पर राज्य सरकार से 18 अक्टूबर तक जवाब मांगा है. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश मनोज व्यास की खंडपीठ ने आदेश गीतेश खन्ना की जनहित याचिका पर दिए हैं.
जनहित याचिका में अधिवक्ता नीरजा खन्ना ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के सभी जिलों में आगामी दो अक्टूबर से प्रशासन शहरों के संग अभियान आयोजित किया जा रहा है. इसके तहत लाखों लोगों को भूमि के पट्टे देने का लक्ष्य रखा गया है. याचिका में कहा गया कि इसके लिए मास्टर प्लान की अनदेखी की गई है. वर्तमान मास्टर प्लान के प्रावधानों को समाप्त करने के लिए समानांतर मास्टर प्लान का ड्राफ्ट तैयार किया गया है. वहीं इसे अप्रूव्ड किए बिना ही लागू कर रहे हैं.