जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूल व्याख्याता पदोन्नति में शिक्षा सेवा नियमों को भूतलक्षी प्रभाव से (implementation of rules with retrospective effect in promotion ) लागू कर पदोन्नति से वंचित करने पर शिक्षा सचिव, कार्मिक सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित अन्य से जवाब तलब किया है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश विकास कुलहरी व अन्य की याचिका पर दिए.
Rajasthan High Court : पदोन्नति में भूतलक्षी प्रभाव से नियमों को लागू करने पर मांगा जवाब - राजस्थान लेटेस्ट न्यूज
राजस्थान हाईकोर्ट ने स्कूल व्याख्याता को पदोन्नति से वंचित करने पर (implementation of rules with retrospective effect in promotion ) शिक्षा सचिव समेत अन्य अधिकारियों से जवाब तलब किया है. हाईकोर्ट ने यह आदेश विकास कुलहरी व अन्य की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता सितंबर 2012 में वरिष्ठ अध्यापक के तौर पर नियुक्त हुआ था. उस समय याचिकाकर्ता के पास बीएससी की डिग्री थी. वहीं वर्ष 2018 में याचिकाकर्ता ने भूगोल में एमए की डिग्री हासिल कर ली. याचिका में कहा गया कि उसका स्कूल व्याख्याता की वरिष्ठता सूची में नाम था. लेकिन 3 अगस्त 2021 को शिक्षा सेवा नियम बनाकर प्रावधान कर दिया कि जिस विषय से बैचलर डिग्री पास की है, उसी विषय से मास्टर डिग्री पास होने पर ही व्याख्याता पद पर पदोन्नति दी जाएगी. याचिका में कहा गया कि व्याख्याता के यह पद अप्रैल 2021 से पूर्व हैं. इसके बावजूद विभाग ने शिक्षा सेवा नियमों को भूतलक्षी प्रभाव से लागू कर याचिकाकर्ताओं को पदोन्नति से वंचित कर दिया. जबकि नियमानुसार यह नियम भविष्य की पदोन्नति के मामले में लागू होने चाहिए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.
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