जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने रेरा में पंजीकृत रियल एस्टेट प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 1 साल का अतिरिक्त समय देने पर राज्य सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश आशीष शर्मा की जनहित याचिका पर दिए.
याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार ने गत 13 मई को आदेश जारी कर कोविड-19 के चलते पंजीकृत परियोजनाओं को पूरा करने की मियाद 1 साल के लिए बढ़ा दी है. इस आदेश से लॉकडाउन होने से पहले पूरा होने वाले प्रोजेक्टों को भी सीधा फायदा होगा. राज्य सरकार के इस तरह के आदेश से खरीदार के हित प्रभावित हो रहे हैं.
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याचिका में कहा गया कि तय समय में संपत्ति का कब्जा नहीं देने पर खरीदार को मुआवजा और रियल एस्टेट कारोबारी पर कार्यवाही का प्रावधान है. वहीं राज्य सरकार का समय बढ़ाने का आदेश रेरा अधिनियम के प्रावधानों के खिलाफ है. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
हाई कोर्ट ने मांगी एसीबी की कार्रवाई की जानकारी
राजस्थान हाईकोर्ट ने पाठ्य पुस्तक मंडल की ओर से बाजार मूल्य से अधिक दरों पर कागज खरीदने के मामले में एसीबी में पेश शिकायत पर की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी है. न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार और सीके सोनगरा की खंडपीठ ने यह आदेश पब्लिक अगेंस्ट करप्शन की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिए.
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याचिका में कहा गया कि पाठ्य पुस्तक मंडल ने गत वर्ष पेपर खरीदने को लेकर विशेष कंपनियों को फायदा देने के लिए टेंडर में वर्जिन पेपर पल्प और पेपर उत्पादन को लेकर अनावश्यक शर्तें जोड़ दी थी. वहीं कंपनियों से करीब 60 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से पेपर खरीद की है. जबकि इसी पेपर को एनसीईआरटी में करीब 44 रुपये और हिंदी ग्रंथ अकादमी ने करीब 53 रुपये प्रति किलोग्राम में खरीदा.
याचिका में कहा गया कि पर्यावरण मंत्रालय 2018 में वर्जिन पल्प पेपर के उपयोग को सरकारी किताबों के लिए प्रतिबंधित कर चुका है. इसके अलावा खुले बाजार में भी यह पेपर 44 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से ही बेचा जा रहा है. इस संबंध में एसीबी को भी शिकायत की गई, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने मामले में एसीबी की ओर से की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी है.
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इसी तरह अदालत ने राज कॉम इन्फो सर्विसेज लिमिटेड की ओर से वर्ष 2017 और वर्ष 2018 में ईमित्र मशीनों की खरीद में अनियमितता के मामले में एसीबी में लंबित शिकायत पर की गई कार्रवाई की तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने को कहा है. पब्लिक अगेंस्ट करप्शन की ओर से याचिका दायर कर मशीनों की खरीद की टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता का आरोप लगाया गया है.