राजस्थान

rajasthan

याचिका खारिज: रिश्वत के आरोपी रिटायर्ड आईआरएस सहीराम की निलंबन अवधि बढ़ाने का आदेश बरकरार

By

Published : Nov 13, 2021, 6:26 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने रिश्वत मामले में पूर्व आईआरएस व कोटा के तत्कालीन डिप्टी नारकोटिक्स कमिश्नर सहीराम मीणा का निलंबन बढ़ाने के विरोध में दायर याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण से इस बारे में कोई गलती नहीं हुई है.

high court order
high court order

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने रिश्वत मामले में पूर्व आईआरएस व कोटा के तत्कालीन डिप्टी नारकोटिक्स कमिश्नर सहीराम मीणा के निलंबन को सही माना है. अदालत ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (केट) के 29 जुलाई, 2019 के उस आदेश में दखल से इंकार कर दिया, जिसमें केट ने सहीराम के निलंबन को बढ़ाने के विरुद्ध दायर प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया था.

अदालत ने कहा कि मामले में प्रार्थी की निलंबन अवधि बढ़ाए जाने को बरकरार रखने में केट से कोई न्यायिक गलती नहीं हुई है. जस्टिस एमएम श्रीवास्वत और जस्टिस फरजंद अली की खंडपीठ ने यह आदेश सहीराम की याचिका खारिज करते हुए दिए.

पढ़ें:मिरासी समुदाय को एमबीसी में शामिल करने को लेकर राज्य सरकार 4 माह में करे निर्णय-हाईकोर्ट

सीबीआईसी के अधिवक्ता किंशुक जैन ने बताया कि याचिकाकर्ता कोटा के सेन्ट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स विभाग में डिप्टी नारकोटिक्स कमिश्नर के पद पर तैनात था. इसी दौरान 2019 में उसके यहां एसीबी ने छापा मारा और उसके खिलाफ रिश्वत व आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज हुआ. इसके चलते उसे 1 फरवरी, 2019 को निलंबित कर दिया गया और फिर 23 अप्रैल, 2019 को आदेश जारी कर निलंबन अवधि बढ़ाई गई. इसे आरोपी ने केट में चुनौती दी थी.

पढ़ें:बिना तैयारी पेश की गई जनहित याचिका पर कोर्ट नहीं ले सकती प्रसंज्ञान-हाईकोर्ट

केट ने प्रार्थना पत्र खारिज करते हुए कहा था कि उसके खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं. मामले में अनुसंधान लंबित है और उसे बहाल करने पर वह जांच व साक्ष्यों को प्रभावित कर सकता है. केट के इस आदेश को सहीराम ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. सहीराम की ओर से कहा गया की कहा कि नियमानुसार उसे तीन महीने की अवधि में चार्जशीट नहीं दी गई है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार उसके निलंबन अवधि बढ़ाने वाला आदेश रद्द कर उसे बहाल किया जाए. जिसे हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया. मामले के लंबित रहने के दौरान सहीराम सेवानिवृत्त भी हो चुका है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details