जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और सीबीएसई बोर्ड को कहा है कि कक्षा 10 और कक्षा 12 की परीक्षाएं आयोजित करने के दौरान केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कोरोना संक्रमण को देखते हुए जारी किए गए दिशा-निर्देशों की कड़ाई से पालना की जाए.
इसके साथ ही अदालत ने दोनों कक्षाओं के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा लिए अगली कक्षा में क्रमोन्नत करने से इंकार कर दिया है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश पब्लिक अगेंस्ट करप्शन की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिए.
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याचिका में कहा गया कि गृह मंत्रालय ने गत 17 मई को गाइडलाइन जारी करते हुए सभी स्कूल और कॉलेजों को आगामी आदेश तक बंद करने के आदेश दिए थे. वहीं 20 मई को आदेश में परिवर्तन करते हुए कक्षा 10 और कक्षा 12 की सभी स्थगित बोर्ड परीक्षा आयोजित कराने की अनुमति दे दी.
याचिका में कहा गया कि राजस्थान बोर्ड और सीबीएसई में कुल 23 लाख विद्यार्थी है. परीक्षा के दौरान इनकी आवागमन के लिए लगभग 80 हजार बसों और 40 हजार थर्मल स्कैनर की आवश्यकता होगी. इसके अलावा प्रश्न पत्र और कॉपी से संक्रमण फैलने की आशंका रहेगी. वहीं लाखों बच्चों को संबंधित बसों की सूचना देना भी संभव नहीं है.
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याचिका में कहा गया कि विद्यार्थी दिसंबर माह से परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन अब वे मानसिक रूप से परीक्षा देने को तैयार नहीं है. विद्यार्थियों के पिताओं की नौकरी जाने के कारण उनके घर का माहौल खराब है. इसके अलावा कर्फ्यू ग्रस्त इलाकों से बच्चे नहीं आ सकेंगे. ऐसे में विद्यार्थियों को बिना परीक्षा लिए ही अगली कक्षा में क्रमोन्नत किया जाए.