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राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा छात्र संघ चुनाव लड़ने का नहीं, शिक्षा पाने का है मूल अधिकार

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Published : Aug 17, 2022, 8:24 PM IST

Updated : Aug 17, 2022, 11:41 PM IST

छात्रसंघ चुनाव में आयु सीमा में छूट देने की मांग को लेकर दायर याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने मौखिक टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि छात्रों को शिक्षा पाने का मूल अधिकार है ना की छात्रसंघ चुनाव लड़ने का.

Rajasthan High Court,  fundamental right to get education
राजस्थान हाईकोर्ट.

जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने (Rajasthan High Court) राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में आयु सीमा में छूट और अंतिम सेमेस्टर के छात्र को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं देने से जुडे़ मामले में मौखिक टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा है कि छात्रों को शिक्षा पाने का मूल अधिकार है ना की छात्रसंघ चुनाव लड़ने का. इसके साथ ही अदालत ने मामले में याचिकाकर्ता छात्र नेताओं को अंतरिम राहत देने से इनकार करते हुए याचिकाओं पर सुनवाई दो सप्ताह के लिए टाल दी है.

एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस वीके भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश लोकेन्द्र सिंह व अन्य की याचिकाओं पर दिए. वहीं एक अन्य छात्र नेता की याचिका पर एकलपीठ गुरुवार को सुनवाई करेगी. याचिकाओं में राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ संविधान के प्रावधान को चुनौती देते हुए कहा गया कि (Age relaxation in student union election) छात्रसंघ चुनाव लड़ने के लिए अधिकतम आयु 25 साल निर्धारित की गई है. जबकि पिछले दो साल से कोरोना के चलते चुनाव नहीं हुए हैं.

पढ़ेंःStudent union election छात्रसंघ चुनाव में आयु सीमा में छूट के लिए हाईकोर्ट में याचिका

जिसके चलते याचिकाकर्ता आयु सीमा को पार कर गए हैं. राज्य सरकार ने सरकारी सेवाओं में भी आवेदन के लिए आयु सीमा दो साल बढाई है. ऐसे में चुनाव लड़ने के लिए भी आयु सीमा में दो साल की छूट दी जानी चाहिए. इस पर राज्य सरकार की ओर से एएजी विभूति भूषण शर्मा और विवि की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एके शर्मा व रचित शर्मा ने बताया कि लिंगदोह कमेटी और छात्रसंघ संविधान के अनुसार चुनाव कराए जा रहे हैं.

याचिकाकर्ताओं का कोई मूल अधिकार प्रभावित नहीं हो रहा है. जिनका परीक्षा परिणाम नहीं आया है, उन्हें भी मताधिकार का अधिकार दिया गया है. इसके अलावा याचिकाकर्ता सरकारी सेवाओं में दी गई आयु सीमा में छूट की तुलना छात्रसंघ चुनाव से नहीं कर सकते हैं. इस पर अदालत ने कहा कि उन्हें मूल अधिकार के तहत शिक्षा मिल रही है, लेकिन चुनाव लड़ने का मूल अधिकार नहीं है. साथ ही अदालत ने अंतरिम राहत देने से इनकार करते हुए मामले की सुनवाई दो सप्ताह बाद तय की है.

Last Updated : Aug 17, 2022, 11:41 PM IST

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