जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि वादा तोड़ना झूठा वादा करने की श्रेणी में नहीं आता है. झूठा वादा उस स्थिति में माना जाएगा जब संबंधित व्यक्ति वादा करते समय ही अपने बोले गए शब्दों का इरादा ना रखे.
अदालत ने माना की दोनों के बीच लंबे समय तक सहमति से संबंध रहे थे. साथ ही अदालत ने मामले में अलवर के महिला थाने में (Rajasthan High Court quashes rape FIR) दो वर्ष पूर्व दर्ज हुई रेप की एफआईआर को रद्द कर दिया है. जस्टिस फरजंद अली ने यह आदेश आरोपी की आपराधिक याचिका को स्वीकार करते हुए दिए. याचिका में अधिवक्ता मोहित बलवदा ने अदालत को बताया कि महिला कांस्टेबल ने 2 फरवरी 2020 को याचिकाकर्ताओं के खिलाफ यह कहते हुए रेप का मामला दर्ज कराया था कि वर्ष 2018 में उसकी पहचान आरोपी से हुई थी.