जयपुर. याचिका में कहा गया कि जयपुर मेट्रो-प्रथम की एमएम कोर्ट-7 ने 6 मई 2022 को याचिकाकर्ता के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र सहित धमकाने व अन्य धाराओं में (Action Against Gangster Lawrence Bishnoi) वीसी के जरिए सुनवाई कर आरोप तय किए थे. आरोपी ने कोर्ट से चार्ज तय करने के दौरान व्यक्तिगत तौर पर पेश करने का आग्रह किया था, लेकिन उसे चार्ज तय करने के दौरान व्यक्तिगत पेशी की मंजूरी नहीं दी गई और इसकी तय कानूनी प्रक्रिया भी नहीं अपनाई गई.
इतना ही नहीं निचली कोर्ट ने आरोपी से आदेश पर दस्तखत भी नहीं करवाए और उसे लगाए गए चार्ज को पढ़कर भी नहीं सुनाया गया, जबकि सीआरपीसी के प्रावधानों के अनुसार लगाए जा रहे चार्ज को आरोपी को भी पढ़ाया जाता है और उससे पूछा जाता है कि वह इन आरोपों को स्वीकार करता है या नहीं. जबकि मामले में याचिकाकर्ता पर वीसी के जरिए चार्ज तय करते हुए तय कानूनी प्रक्रिया का पालन ही नहीं किया गया. उसे वीसी के दौरान आवाज भी स्पष्ट सुनाई नहीं दे रही थी.