जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने सीलिंग एक्ट से जुड़े मामले में न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग (Rajasthan High Court Order) करने और पूर्व में खारिज हुई याचिका के तथ्यों के आधार पर नई याचिका दायर करने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता पर 25 लाख रुपए का हर्जाना लगाते हुए राशि एक माह में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा कराने को कहा है. जस्टिस अशोक गौड़ ने यह आदेश बारां निवासी कस्तूरचंद की याचिका को खारिज करते हुए दिए.
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि एक ओर बडी संख्या में पीड़ित पक्षकारों के मुकदमे लंबित हैं. वहीं दूसरी ओर कोर्ट को ऐसे लोगों का भी सामना करना पड़ रहा है जो फर्जी और तथ्य छिपाकर याचिकाएं पेश कर रहे हैं. अदालत ने कहा कि पक्षकारों को मामले के प्रासंगिक व सही तथ्यों को बताना ही होगा. लेकिन मौजूदा याचिकाकर्ता ने अदालत से पूर्व में हुई न्यायिक प्रक्रिया में तथ्य को छुपाया. साथ ही यह नहीं बताया कि हाईकोर्ट में इस मामले में पूर्व में दायर याचिका खारिज हो चुकी है. ऐसे में यह याचिका बेवजह दायर की गई है जो न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग व समय की बर्बादी है. ऐसे मुकदमेबाजों से सख्ती से निपटने के साथ ही उन्हें हतोत्साहित करने की जरूरत है.