जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, एसीबी और सीबीआई को नोटिस जारी कर पूछा है कि एकल पट्टा प्रकरण की जांच क्यों ना सीबीआई को सौंप दी (Rajasthan High court on single lease deed case) जाए. जस्टिस बीरेन्द्र कुमार की एकलपीठ ने यह आदेश रामशरण सिंह की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता संदेश खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि एसीबी कोर्ट ने गत 18 अप्रैल को मामले में एसीबी की ओर से यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल सहित अन्य के पक्ष में पेश क्लोजर रिपोर्ट को अस्वीकार करते हुए कुछ बिंदुओं पर एसीबी को अग्रिम जांच करने को कहा था. याचिका में कहा गया कि एसीबी येन केन तरीके से आरोपियों को मामले से बाहर निकालना चाहती है. ऐसे में वह निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती. पूर्व में एसीबी ने शांति धारीवाल, एनएल मीणा, ललित के. पंवार और वीएम कपूर के पक्ष में क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दी थी.
वहीं एसीबी अन्य आरोपियों पूर्व आईएएस जीए संधू, निष्काम दिवाकर, ओंकार मल सैनी के खिलाफ चल रहे केस को वापस लेने की गुहार कर चुकी है. याचिका में कहा गया कि आरोपी राजनीतिक पहुंच के व्यक्ति हैं. आरोपी जीएस संधू यूडीएच के मुख्य सलाहकार और आरसीए चेयरमैन वैभव गहलोत के सलाहकार हैं. याचिका में यह भी कहा गया कि एसीबी पहले ही मान चुकी है कि प्रकरण में कोई अपराध घटित नहीं हुआ है. ऐसे में मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.