जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्री-प्राइमरी टीचर भर्ती-2018 में एनटीटी कोर्स वालों की योग्यता से जुडे़ मामले में पिछली सुनवाई पर राज्य सरकार से एनटीटी कोर्स की योग्यता तय करने का ब्योरा देने के लिए कहा था. लेकिन राज्य सरकार ने गुरुवार को अदालत में कहा कि अभी मामले की फाइल ही शिक्षा विभाग से नहीं आ पाई है, इसलिए समय दिया जाए.
इस पर अदालत ने मध्यप्रदेश से पीपीटीसी व डीपीएसई कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों के मामले की सुनवाई (Rajasthan Pre Primary Teacher Recruitment 2018 Case) एक फरवरी और जम्मू-कश्मीर से एनटीटी कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों की सुनवाई 7 फरवरी तय की है. जस्टिस महेन्द्र गोयल ने यह निर्देश चेतन व अन्य की याचिकाओं पर दिया.
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पिछली सुनवाई पर अदालत ने राज्य सरकार से पूछा था कि उन्होंने किस आधार पर एनटीटी कोर्स की योग्यता तय की थी. जबकि एनसीटीई दो साल के अन्य कोर्स चला रही थी. गौरतलब है कि याचिकाओं में प्रदेश के बाहर मध्यप्रदेश, जम्मू-कश्मीर से दो साल का एनटीटी कोर्स के समकक्ष डिप्लोमा करने वालों को प्री प्राइमरी शिक्षक भर्ती में शामिल नहीं करने को चुनौती दी है.
प्रार्थियों के अधिवक्ता विज्ञान शाह का कहना है कि प्रदेश में अब एनटीटी नाम से कोई भी कोर्स नहीं होता और कोर्स का नाम भी बदल गया है. प्रार्थियों ने प्रदेश के बाहर से उन संस्थानों से एनटीटी कोर्स के समकक्ष डिप्लोमा किया है, जिन्हें एनसीटीई से मान्यता प्राप्त है. जम्मू-कश्मीर में तो रूल्स में भी एनटीटी कोर्स का प्रावधान है, इसलिए उन्हें भी भर्ती में शामिल कर नियुक्ति दी जाए.