जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कोटा की आईएल इंडस्ट्रीज की जमीन पर मौजूद मोरों का संरक्षण नहीं कर शर्तों के विपरीत जाकर जमीन को नीलाम करने पर पर्यावरण मंत्रालय, मुख्य सचिव, प्रमुख पर्यावरण सचिव, मुख्य नगर नियोजक, प्रमुख वन सचिव और यूआईटी कोटा सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश मनोज व्यास ने यह आदेश कपूर चंद जैन की जनहित याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता कलीम अहमद और गीतेश जोशी ने बताया कि आईएल इंडस्ट्रीज की जमीन को 5 अक्टूबर 2010 को यूआईटी, कोटा को देते हुए करीब 128 एकड़ जमीन में ऑक्सीजोन व 53 एकड़ जमीन अन्य उपयोग में लेने का प्रावधान किया गया था. इस संबंध में राज्य स्तरीय कमेटी ने 53 एकड़ जमीन पर रह रहे मोरों को ऑक्सीजोन में शिफ्ट कर संरक्षण करने पर ही भू-उपयोग की सिफारिश की थी. वहीं टाउन प्लानर ने 6 दिसंबर 2019 को अवैध रूप से इसमें संशोधन कर मोरों को मौजूदा जगह पर ही संरक्षित कर भू उपयोग की सिफारिश कर दी.