जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan HighCourt) ने बाड़मेर में लिग्नाइट खनन में अनियमितता और 28 हजार करोड़ रुपए के राजस्व नुकसान के मामले में केंद्रीय कोयला मंत्रालय सचिव, राज्य के मुख्य सचिव, प्रमुख ऊर्जा सचिव और प्रमुख खान सचिव सहित अन्य से जवाब मांगा है. सीजे अकील कुरेशी और जस्टिस रेखा बोराणा की खंडपीठ ने यह आदेश रविन्द्र सिंह चौधरी की जनहित याचिका पर दिए.
जनहित याचिका में कहा गया कि बाड़मेर के कपूरडी और जालिपा लिग्नाइट खान को सार्वजनिक उपक्रम के रूप में आरएसएमएसएल को आवंटित की गई थी, लेकिन आरएसएमएमएल ने इन खानों को बिना केन्द्र सरकार की मंजूरी लिए ही बीएलएमसीएल को ट्रांसफर कर दिया है. इस कंपनी में निजी कंपनी जिंदल समूह की 49 फीसदी हिस्सेदारी है.