जयपुर. हाईकोर्ट ने 20 जनवरी को बानसूर एसडीएम राकेश कुमार मीणा और तहसीलदार सत्यनारायण को पेश होने के आदेश दिए हैं. अदालत ने दोनों अधिकारियों से पूछा है कि अदालती आदेश की पालना में कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है और आदेश की अवमानना क्यों की गई है.
कोर्ट ने कहा कि इस दौरान यदि अतिक्रमण हटाने के संबंध में दिए गए आदेश की पालना को लेकर (No action on trespassers in Bansur) तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश की जाती है तो दोनों अधिकारियों को हाजिर होने की जरूरत नहीं है. न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और न्यायाधीश विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश मनोहर व अन्य की ओर से दायर अवमानना याचिका पर दिए.
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याचिका में अधिवक्ता जयराज टाटिया ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल 2018 को आदेश जारी कर तीन माह में अलवर के बानसूर तहसील की ढाणी कानूनगो वाली शामियान में अतिक्रमियों पर कार्रवाई के आदेश दिए थे, लेकिन अब तक आदेश की पालना नहीं की गई. वहीं, मामले में अवमानना याचिका पेश होने के बाद संबंधित एसडीओ की ओर से कहा गया कि मौके से कुछ अतिक्रमण हटाया गया है, लेकिन पुलिस बल मुहैया नहीं होने के कारण पूरे अतिक्रमण को हटाया नहीं जा सका है.
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इस पर अदालत ने अवमानना कर्ता अधिकारियों को कई मौके दिए, लेकिन उनकी ओर से तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश नहीं की गई. ऐसे में अदालत ने तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश नहीं होने पर दोनों अधिकारियों को अदालत में पेश होकर पालना नहीं करने का कारण स्पष्ट करने को कहा है.