राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

कोर्ट ने व्यर्थ की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करने पर लगाया हर्जाना...

राजस्थान हाईकोर्ट ने एक याचिकाकर्ता पर 25 हजार रुपए का हर्जाना लगाया (Court imposed fine) है और इसका साक्ष्य एक महीने में कोर्ट में पेश करने को कहा है. कोर्ट ने यह भी कहा कि एक अजनबी की बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिका के चलते महिला को असुविधा का सामना करना पड़ा है. कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है.

By

Published : Aug 6, 2022, 4:34 PM IST

Updated : Aug 7, 2022, 6:36 AM IST

Rajasthan High Court dismissed PIL against a woman
व्यर्थ की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करने पर लगाया हर्जाना

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने व्यर्थ की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ता पर 25 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है. अदालत ने कहा है कि याचिकाकर्ता हर्जाना राशि संबंधित महिला को अदा करे और उसका साक्ष्य एक माह में अदालत में पेश करे. जस्टिस पंकज भंडारी और जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश हीरालाल की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज करते हुए दिए.

अदालत ने कहा कि एक अजनबी की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के चलते महिला को असुविधा हुई है. ऐसे में याचिकाकर्ता उसे हर्जाना राशि दे. याचिका में कहा गया कि दोनों पांव से दिव्यांग याचिकाकर्ता संबंधित युवती के साथ चार साल से लिव इन रिलेशनशिप में रहता था. गत 5 जुलाई को महिला के पिता उसे अपने साथ जबरन ले गए. इस संबंध में याचिकाकर्ता ने कोटपूतली थाने में शिकायत भी दी. ऐसे में महिला को बरामद कराया जाए.

पढ़ें:स्कूल फीस कानून को चुनौती देने वाली याचिका खारिज, पैरेंट्स की याचिका एकलपीठ में भेजी

दूसरी ओर युवती के पिता की ओर से अधिवक्ता विकास कुमार जाखड़ ने कहा कि उसकी बेटी की सामाजिक प्रतिष्ठा खराब करने के लिए यह याचिका दायर की गई है. वहीं अदालती आदेश की पालना में युवती को अदालत में पेश किया गया. अदालत के पूछने पर महिला ने बताया कि वह कभी भी याचिकाकर्ता के साथ नहीं रही. इसके अलावा वह शादीशुदा है और अपने पति के साथ सुखपूर्वक रह रही है. वहीं उसे किसी ने जबरन भी नहीं रख रखा है. इस पर अदालत ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर हर्जाना लगाया है.

Last Updated : Aug 7, 2022, 6:36 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details