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Published : Jun 18, 2020, 7:34 PM IST

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परीक्षा होने के बाद पता चलेगा आदेश की पालना हुई या नहीं: राजस्थान हाईकोर्ट

राज्य सरकार की ओर से परीक्षा के दौरान कोरोना संक्रमण को लेकर जारी किए गए दिशा निर्देशों की पालना नहीं होने संबंधी याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि गाइडलाइन की पालना हुई है या नहीं इसका पता परीक्षा पूरी होने के बाद ही पता चलेगा.

Rajasthan High Court rejects the petition, non compliance of government guidelines
राजस्थान हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और सीबीएसई की ओर से आयोजित परीक्षाओं में केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कोरोना संक्रमण को लेकर जारी किए गए दिशा निर्देशों की पालना होने का परीक्षा पूरी होने के बाद ही पता चलेगा. इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में दायर याचिका को प्रीमेच्योर बताते हुए खारिज कर दिया है.

याचिकाकर्ता पी.सी. भंडारी

न्यायाधीश पंकज भंडारी और न्यायाधीश नरेंद्र सिंह की अवकाशकालीन खंडपीठ ने यह आदेश पब्लिक अगेंस्ट करप्शन की अवमानना याचिका को खारिज करते हुए दिए. याचिकाकर्ता की ओर से बोर्ड परीक्षाओं को स्थगित कर विद्यार्थियों को क्रमोन्नत करने को लेकर याचिका पेश की गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने गत 29 जून को आदेश जारी कर केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन की पालना करते हुए परीक्षा कराने को कहा था.

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इसके बावजूद भी परीक्षा के दौरान गाइडलाइन की पालना नहीं की जा रही है. राज्य सरकार की ओर से गाइडलाइन के तहत विद्यार्थियों को परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने के लिए विशेष बसों का इंतजाम नहीं किया गया. इसके अलावा परीक्षा केंद्र पर थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजर की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं की गई और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कराई जा रही है.

ऐसे मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, सीबीएसई सचिव अनुराग त्रिपाठी और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव अरविंद कुमार के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाए. इस पर अदालत ने कहा कि परीक्षा 18 जून से ही शुरू हुई है. ऐसे में याचिकाकर्ता कैसे कह सकता है कि गाइडलाइन की पालना नहीं हुई है. अदालत ने कहा कि परीक्षा आयोजित होने के बाद ही गाइडलाइन की पालना के संबंध में जानकारी मिल सकती है. इसके साथ ही अदालत ने अवमानना याचिका को खारिज कर दिया है.

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