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हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और बीसीआर से पूछा अधिवक्ता कल्याण कोष और स्टाइपेंड के लिए क्या किया? - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

प्रदेश में वकीलों के कल्याण कोष में राशि का अंशदान नहीं देने और स्टाइपेंड देने की मांग से (High Court asked the State Government and BCR ) जुड़े मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य सरकार और बीसीआर से पूछा है कि उन्होंने क्या कार्रवाई की है.

rajasthan High Court,  Advocate Welfare Fund
राजस्थान हाईकोर्ट.

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Published : Sep 2, 2022, 9:28 PM IST

Updated : Sep 2, 2022, 11:38 PM IST

जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश के वकीलों के कल्याण कोष (Advocate Welfare Fund) में राशि का अंशदान नहीं देने और नए वकीलों को स्टाइपेंड देने की मांग से जुडे़ मामले में राज्य सरकार और बीसीआर से पूछा है कि उन्होंने इस संबंध में क्या कार्रवाई की. वहीं अदालत ने बीसीआर को एक सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई 9 सितंबर को तय की है. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव प्रहलाद शर्मा की जनहित याचिका पर दिए.

अदालत ने याचिकाकर्ता को कहा है कि वे आगामी सुनवाई पर वकीलों के कल्याण को लेकर अन्य राज्यों में चल रही योजनाओं की जानकारी अदालत में पेश करें. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अदालती आदेश में शपथ पत्र पेश किया गया. राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि कोविड के दौरान वकीलों को आर्थिक सहायता मुहैया कराई गई थी और अधिवक्ता भवन के लिए भी राशि जारी की गई. वहीं अधिवक्ता कल्याण कोष से वकीलों को राशि देने के संबंध में राज्य सरकार के स्तर पर परीक्षण कराया जा रहा है. वहीं बीसीआर की ओर से कहा गया कि उन्होंने नए वकीलों को स्टाईपेंड देने के संबंध में बिल बनाकर राज्य सरकार के पास भिजवा दिया है, और यह सरकार के स्तर पर लंबित है.

पढ़ेंः हाईकोर्ट ने सरकार ने पूछा- एडवोकेट वेलफेयर फंड और प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने के लिए क्या कार्रवाई की गई

जनहित याचिका में कहा गया है कि कई राज्यों में वकीलों के वेलफेयर के लिए स्कीम बनी हुई हैं. लेकिन राजस्थान के वकील इससे वंचित हैं. नए वकीलों को स्टाइपेंड के रूप में भत्ते की जरूरत है. प्रदेश में वकीलों की आकस्मिक मौत होने पर भी कल्याण कोष से उनके परिजनों को प्रभावी आर्थिक मदद की कोई स्कीम नहीं है. इसलिए नए वकीलों को जल्द से जल्द स्टाईपेंड जारी करवाया जाए और कल्याण कोष से मदद कराई जाए. इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार व बीसीआर से आगामी सुनवाई पर बताने को कहा है कि उन्होंने याचिका में उठाए मुद्दों पर क्या कार्रवाई की?.

Last Updated : Sep 2, 2022, 11:38 PM IST

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