जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने सेन्ट्रल पार्क स्थित लक्ष्मी विलास और कनक भवन का उपयोग गांधी दर्शन म्यूजियम व महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नेंस एंड सोशल साइंस के लिए करने के मामले में मुख्य सचिव, यूडीएच सचिव, जेडीए और राज्य स्तरीय भू उपयोग कमेटी के सदस्य सचिव से तीन सप्ताह में जवाब (High Court asked reply in Central park land case) मांगा है. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ ने यह आदेश सेंट्रल पार्क बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष योगेश यादव की जनहित याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता विमल चौधरी और अधिवक्ता योगेश टेलर ने बताया कि राज्य सरकार ने सेंट्रल पार्क और आसपास की जमीन को वर्ष 1973 में आवासीय, व्यावसायिक और प्रशासनिक भवन बनाने के लिए अवाप्त किया था. वहीं एक मामले में जनहित याचिका दायर होने के बाद वर्ष 2000 में राज्य सरकार ने यहां गोल्फ कोर्स, पोलो ग्राउंड और शेष भूमि पर पार्क बनाना तय किया. याचिका में कहा गया की हाईकोर्ट ने संजय त्यागी की याचिका में सुनवाई करते हुए 27 अक्टूबर, 2010 को राज्य सरकार को आदेश दिया था कि होटल और कनक भवन की जमीन का कब्जा ले और भविष्य में इस जमीन का उपयोग उसी में लिया जाए, जिसके लिए इसे अवाप्त किया गया है.