जयपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव (student union election) मामले में मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि पीजी प्रथम वर्ष और सेमेस्टर की सीटें खाली हैं. लेकिन इन्हें भरने से पहले छात्रसंघ चुनाव कराए जा रहे हैं. ऐसा करना लोकतंत्र के साथ मजाक है. यदि छात्रसंघ चुनाव में पीजी छात्र ही मतदान नहीं करेंगे और हिस्सा नहीं लेंगे तो फिर चुनाव का कोई अर्थ ही नहीं है.
अदालत ने यहां तक कहा कि चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है, वरना कोर्ट चुनाव पर रोक भी लगा सकती थी. इसके साथ ही अदालत ने पीजी प्रवेश परीक्षा देने वाले उन छात्रों को चुनाव लड़ने की मंजूरी दी है, जिनका (PG entrance exam takers to contest elections) प्रवेश परीक्षा का परिणाम नहीं आया है. अदालत ने कहा कि इनका चुनाव याचिका के निर्णय के अधीन रहेगा. इसके अलावा इन छात्रों को विवि प्रशासन को शपथ पत्र देना होगा कि वे प्रवेश परीक्षा में पास होने के बाद संबंधित पीजी कोर्स में प्रवेश ले लेंगे. जस्टिस महेन्द्र गोयल ने यह आदेश अरविन्द झाझड़ा, राजेन्द्र गोरा, नरेन्द्र यादव सहित अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए. वहीं अदालत ने आयु सीमा में छूट का दावा करने वाले और एक्स स्टूडेंट को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया है.