जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पंचायती राज सचिव और नागौर जिला परिषद के सीईओ को नोटिस जारी कर पूछा है कि तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती-2012 में नियुक्त होने वाले अभ्यर्थियों के दूसरी सेवा में जाने के चलते खाली हुए पदों पर नियुक्तियां क्यों नहीं की गई है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश धर्मेन्द्र शर्मा की याचिका पर दिए.
तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती-2012 में खाली पदों पर नियुक्ति को लेकर नोटिस याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2012 में तृतीय श्रेणी शिक्षक के पदों पर भर्ती निकाली थी. जिसमें सफल अभ्यर्थियों ने पद ग्रहण कर लिया. वहीं बाद में उनका द्वितीय श्रेणी शिक्षक के पद पर चयन होने के चलते उन्होंने तृतीय श्रेणी शिक्षक का पद छोड़ दिया. जिसके चलते कई पद खाली रह गए.
वहीं विभाग की ओर से जारी किए संशोधित परिणाम में याचिकाकर्ता के अधिक अंक हो गए. याचिका में कहा गया कि फिलहाल याचिकाकर्ता के कम अंक लाने वाले कई अभ्यर्थी इन पदों पर नियुक्त है. इसके अलावा हाईकोर्ट की खंडपीठ ने गत आठ जनवरी को आदेश जारी कर भर्ती में खाली चल रहे पदों को निचले अभ्यर्थियों से आठ सप्ताह में भरने को कहा था.
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इसके बावजूद भी विभाग ने अब तक इन पदों को नहीं भरा है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
फ्री गेहूं की रिकवरी करने पर रोक
राजस्थान हाईकोर्ट ने सहरिया समुदाय के याचिकाकर्ताओं को खाद्य सुरक्षा योजना के तहत हर माह दिए गए फ्री गेहूं की रिकवरी करने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने खाद्य सचिव सहित शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग से जवाब तलब किया है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश राजाराम शर्मा व अन्य की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता सतीश कुमार ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं के सहरिया होने के चलते राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत हर माह 35 किलोग्राम फ्री गेहूं दिया जाता है. इस योजना को अब 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया गया है. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ताओं का सरकारी सेवा में चयन होने के बाद राज्य सरकार ने उनकी यह कहते हुए रिकवरी निकाल दी कि सरकारी सेवा में होने के बाद भी उन्होंने मुफ्त योजना का लाभ उठाया है.
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इसके साथ ही राज्य सरकार ने 27 रुपए प्रति किलोग्राम से गणना कर राशि जमा कराने को कहा. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ताओं के सरकारी सेवा में चयन से पहले ही इस योजना के तहत राशन कार्ड बने हुए थे. इसके अलावा उन्हें सहरिया होने के आधार पर ही योजना का लाभ मिल रहा था. सरकारी सेवा में आने के बाद उन्हें पता चलते पर उन्होंने योजना का लाभ लेना भी बंद कर दिया. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए रिकवरी पर रोक लगा दी है.