जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एसीएस होम, होमगार्ड डीजी और आईजी होमगार्ड से पूछा है कि जब सभी पुराने होमगार्ड को नियमित रोजगार नहीं दिया जा रहा है, तो ढाई हजार पदों पर नई भर्ती क्यों कराई जा रही है. न्यायाधीश सीके सोनगरा की एकलपीठ ने यह आदेश राजस्थान होमगार्ड कर्मचारी यूनियन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में कहा गया कि प्रदेश में कुल 30 हजार से अधिक होमगार्ड के पद स्वीकृत हैं. इनमें से 28 हजार 400 होमगार्ड पंजीकृत है. राज्य सरकार की ओर से इनमें से सिर्फ 95 सौ होमगार्ड को ही नियमित रोजगार दिया जा रहा है. कोरोना संक्रमण में भी करीब 18 हजार होमगार्ड को ही रोजगार दिया गया है. इसके बावजूद राज्य सरकार की ओर से ढाई हजार नए होमगार्ड के पदों पर भर्ती की जा रही है.