राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

Kalraj Mishra On Geeta Jayanti: लोगों को दी शुभकामनाएं, बोले- भगवत गीता धर्म ग्रंथ ही नहीं बल्कि जीवन जीने का कौशल मंत्र है - Sutra Of Management

राज्यपाल कलराज मिश्र ने देश और प्रदेश वासियों को गीता जयंती (Rajasthan Governor Kalraj Mishra on Geeta Jayanti) की शुभकामनाएं दी हैं. राज्यपाल ने इस मौके पर कहा कि श्रीमद्भगवत गीता (Srimad Bhagavad Geeta) केवल धर्म ग्रंथ ही नहीं बल्कि जीवन जीने का कौशल मंत्र भी है. उनके अनुसार गीता में मन को नियंत्रण करने का अद्भुत मंत्र है. साथ ही जीवन को संस्कारित करने का पाठ भी इसमें निहित है.

Kalraj Mishra On Geeta Jayanti
भगवत गीता धर्म ग्रंथ ही नहीं बल्कि जीवन जीने का कौशल मंत्र है

By

Published : Dec 14, 2021, 1:22 PM IST

जयपुर: राज्यपाल कलराज मिश्र ने गीता जयंती (Rajasthan Governor Kalraj Mishra on Geeta Jayanti) पर देश और प्रदेशवासियों को शुभकामनायें दी हैं. उनकी ओर से संदेश जारी किया गया है. जिसमें सभी से श्रीमद् भगवत गीता को मन की गहराई से समझने और जीवन में उतारने का आह्वान भी किया गया है. राज्यपाल ने कहा श्रीमद्भगवत गीता सभी ग्रंथों का सार है. इसमें 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं. यही कारण है कि भारतीय संस्कृति में इस पावन ग्रंथ को सर्वोच्च माना गया है.

राज्यपाल बोले- इसमें उपनिषद और ब्रह्मसूत्र है, इसलिए मैं यह मानता हूं कि भगवत गीता (Srimad Bhagavad Geeta) केवल महाभारत का अंश भर ही नहीं बल्कि भगवान श्रीकृष्ण के संदेश (Message Of Lord Krishna) में निहित उपनिषद और धर्म सूत्रों का सार भी है. मिश्र ने कहा कि उपनिषद और ब्रह्मसूत्र का पाठन न करने वाले भी यदि गीता पाठ कर लेते हैं तो तत्वज्ञान के गहरे रहस्यों से उसका साक्षात्कार हो सकता है.

लोगों को दी शुभकामनाएं, बोले- भगवत गीता धर्म ग्रंथ ही नहीं बल्कि जीवन जीने का कौशल मंत्र है

पढ़ें-Gold and Silver Price Today : सोने और चांदी के भाव में उछाल, जानें आज का रेट...

उन्होंने कहा इसमें भक्तियोग, ज्ञानयोग आदि योगों को सम्माहित करने का गुण विद्यमान है. ये मन को नियंत्रित करने का उपाय बताता है. प्रबंधन का सूत्र (Sutra Of Management) इसमें मिलता है जो जीवन को संस्कारित करने का मंत्र देता है. उन्होंने गीता के प्रसिद्ध श्लोक '​​कर्मण्येवाधिकारस्ते मां फलेषु कदाचन' का वाचन किया और कहा कि फल की इच्छा किये बिना कर्म करना ही मनुष्य के लिए आवश्यक है.

हर वर्ष मनाई जाती है गीता जयंती

हर वर्ष मोक्षदा एकादशी (Geeta Jayanti On Mokshada Ekadashi) को गीता जयंती मनाई जाती है. मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna To Arjun) ने अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता (Srimad Bhagavad Gita) का उपदेश दिया था, इसका उद्देश्य युगों-युगों तक मानवमात्र का कल्याण करना था.

ABOUT THE AUTHOR

...view details