जयपुर. राजस्थान के राज्यपाल मिश्र गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेकर लौटे राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्वयंसेवकों से राजभवन में संवाद किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आपदा की घड़ी में स्वयंसेवी संगठनों और इनसे जुड़े व्यक्तियों की समर्पण एवं सेवा भावना की सही परख होती है. एनएसएस स्वयंसेवकों ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौर में अपने सेवा कार्यों के माध्यम से आमजन को स्वास्थ्य प्रोटोकाॅल की पालना करने के लिए प्रेरित किया, जिससे उनमें इस महामारी का सामना करने की हिम्मत, आत्मविश्वास और आत्मबल में वृद्धि हुई.
पढ़ें :BJP कोर कमेटी की बैठक में देर से आईं वसुंधरा, लेकिन पोर्च तक नहीं पहुंची उनकी कार...जानिए क्यों
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि सेवा कार्यों को समर्पण के साथ संचालित करने के लिए सिर्फ प्रशिक्षण ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि मन में भाव होना भी जरूरी है. उन्होंने एनएसएस स्वयंसेवकों का आह्वान किया कि वे पूरी भावना के साथ संकल्पबद्ध होकर सेवा कार्यों में प्रवृत्त हों. राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त बुलबुल पाठक और गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेकर लौटे देव कुमावत ने एनएसएस से जुड़े अपने अनुभव साझा किए. राजकीय कला महाविद्यालय अलवर के आदित्य सैनी ने स्वयं द्वारा बनाया गया राज्यपाल मिश्र का पोट्रेट भी उन्हें भेंट किया.
इस अवसर पर एनएसएस के क्षेत्रीय निदेशक एस पी भटनागर ने संगठन के 2 लाख 5 हजार से अधिक स्वयंसेवकों द्वारा 2,100 से अधिक गांव-ढाणियों में जाकर इस वर्ष किये गए पौधारोपण, रक्तदान, पल्स पोलियो टीकाकरण और स्वास्थ्य शिविरों में सहयोग, श्रमदान तथा कोविड-19 की रोकथाम एवं बचाव के लिए चलाई गई जागरूकता गतिविधियों की जानकारी दी. राज्यपाल मिश्र ने गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होकर लौटे एनएसएस स्वयंसेवकों और राष्ट्रपति से एनएसएस राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले स्वयंसेवकों एवं अधिकारियों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी.