जयपुर. कोरोना वायरस के अनुभव ने प्रदेश की चिकित्सा पद्धतियों को बदल दिया है. प्रदेश की गहलोत सरकार अब भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ाने पर काम करेगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ‘निरोगी राजस्थान‘ के हमारे संकल्प को साकार करने में आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी सहित अन्य भारतीय चिकित्सा पद्धतियों की महत्वपूर्ण भूमिका है. राज्य सरकार इन पद्धतियों को प्रोत्साहन देने में कोई कमी नहीं रखेगी. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के समय इन चिकित्सा पद्धतियों से जुड़े चिकित्सकों और नर्सिंगकर्मियों ने पूरे समर्पण भाव के साथ काम किया है.
सीएम अशोक गहलोत शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी सहित अन्य भारतीय चिकित्सा पद्धतियों से जुड़े चिकित्साकर्मियों से संवाद कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव में इन पद्धतियों ने भी अच्छा योगदान दिया है. आयुर्वेद विभाग ने काढ़ा और अन्य औषधियों के माध्यम से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जो प्रयास किए उनके अच्छे परिणाम सामने आए हैं. साथ ही अन्य पद्धतियों ने इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए अपने-अपने तरीकों से योगदान दिया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक जीवन शैली में इन पद्धतियों की प्रासंगिकता और बढ़ी है. आमजन में इनके प्रति विश्वास बढ़ा है. इन पद्धतियों में रिसर्च को बढ़ावा देकर इन्हें वर्तमान जरूरतों के प्रति और उपयोगी बनाया जाए. उन्होंने लोगों को निरोगी बनाने के लिए योग और नैचुरोपैथी पर विशेष बल दिया.